Ujjain's Mahakal Lok case : मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को कहा कि हाल में तूफान में क्षतिग्रस्त हुए 'महाकाल लोक' के निर्माण को लेकर कांग्रेस गलत प्रचार का सहारा ले रही है। उन्होंने दावा किया कि परियोजना में रत्तीभर अनियमितता नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजनीति के लिए भगवान महाकालेश्वर को भी नहीं छोड़ा, लेकिन यह कदम उल्टा साबित होगा।
मध्य प्रदेश की सभी 230 सीट पर एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी। मई में आंधी-तूफान के कारण उज्जैन के प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर मंदिर के पास 900 मीटर से अधिक लंबे गलियारे महाकाल लोक को नुकसान हुआ था। तब से कांग्रेस देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक इस प्राचीन मंदिर के आसपास पुनर्विकास परियोजना में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सत्तारूढ़ दल पर निशाना साध रही है।
उज्जैन के यादव ने कहा कि यह मिथ्या प्रचार है क्योंकि महाकाल लोक के निर्माण में रत्तीभर अनियमितता नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि तेज-आंधी तूफान से मूर्तियों को नुकसान पहुंचा और कुदरत ने उस दिन किसी को नहीं बख्शा, कांग्रेस नेताओं के गोदामों को भी नहीं।
उन्होंने कहा कि जब इतनी ताकत का तूफान या प्राकृतिक आपदा आती है तो वह किसी को नहीं छोड़ता, यहां तक कि केदारनाथ मंदिर को भी नहीं। मंत्री ने दावा किया कि आंधी इतनी तेज थी कि इससे कांग्रेस नेताओं के गोदामों के साथ-साथ लोगों के दो मंजिला घरों को भी नुकसान पहुंचा।
तीसरी बार उज्जैन दक्षिण सीट से चुनाव लड़ रहे यादव ने कहा कि हालांकि (मूर्तियां) क्षतिग्रस्त हो गई थीं, लेकिन ठेकेदार द्वारा उन्हें बिना किसी अतिरिक्त लागत के बदल दिया गया, फलस्वरूप सरकारी खजाने पर एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ है।
यादव इस सीट से 2013 और 2018 में चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले को इसलिए उठा रही है क्योंकि उसके पास उठाने के लिए कोई अन्य मुद्दा नहीं है लेकिन लोग सब कुछ समझते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को केवल वोट बैंक के लिए चुनाव के समय ही रामायण, महाभारत, राम मंदिर और हनुमान याद आते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि इस मुद्दे पर बात करके वह लोगों के बीच भाजपा के लिए बनी सद्भावना को नुकसान पहुंचाएगी। मंत्री ने कहा कि लेकिन जनता सब कुछ जानती है और ए चीजें विपक्षी दल के लिए प्रतिकूल साबित होंगी।
मप्र चुनावों से पहले दोनों गांधी भाई-बहनों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा संबोधित हर रैली में, कांग्रेस नेताओं ने राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का दावा किया है, खासकर महाकाल लोक के निर्माण में, जिसके पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
मई में आए तेज़ तूफ़ान में सप्तऋषि की मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं और तब से कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा ने भ्रष्टाचार में भगवान को भी नहीं बख्शा। विधानसभा चुनाव में बड़े चेहरों को मैदान में उतारने के भाजपा के कदम के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि उनका नेतृत्व हमेशा पार्टी के हित में निर्णय लेता है और कांग्रेस का कोई भी नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद राकेश सिंह और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जैसा नहीं है।
कांग्रेस में हालात अलग होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके शीर्ष नेता, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से लेकर विवेक तन्खा और अरुण यादव तक विधानसभा चुनाव लड़ने से भाग रहे हैं जिससे पता चलता है कि कांग्रेस जनता के बीच अपना समर्थन खोती जा रही है।
यादव ने कांग्रेस के इस दावे पर हंसी उड़ाई कि वह श्राद्ध पक्ष (अशुभ काल) के कारण अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर रही है और क्योंकि वे सनातन धर्म के वास्तविक अनुयाई हैं। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव में हार स्वीकार कर ली है। मंत्री ने कहा कि भाजपा चौथी सूची लेकर आई है लेकिन कांग्रेस अब तक एक भी सूची जारी नहीं कर पाई जो यह दर्शाता है कि वह असहज महसूस कर रही है जबकि चुनाव तेजी से नजदीक आ रहे हैं।
ओबीसी (अन्य पिछड़ी जाति) की राजनीति और आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा ही थी जिसने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे शीर्ष पद ओबीसी और आदिवासियों को दिए। यादव ने कहा कि कांग्रेस ने अपने लंबे कार्यकाल में अल्पसंख्यकों और ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया और अब सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए उनके बारे में बात कर रही है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)