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Last Modified: मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024 (15:26 IST)

कमलनाथ की भाजपा में एंट्री पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लगाया ब्रेक?

कमलनाथ की भाजपा में एंट्री पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लगाया ब्रेक? - Jyotiraditya Scindia puts brakes on Kamal Nath's entry in BJP?
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरों क्या बिना आग के फैले घुंए के सामान थी या भाजपा में शामिल होने के लिए भोपाल से दिल्ली उड़ान भरने वाले कमलनाथ और नकुलनाथ की एंट्री पर ऐन वक्त पर ब्रेक लग गया। यह कुछ ऐसे सवाल है जो कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरों  को लेकर भोपाल से दिल्ली तक चले तीन दिन के हाईवोल्टेज सियासी ड्रामा के बाद अब सबसे अधिक चर्चा के केंद्र में है।

शनिवार को जब कमलनाथ अपना पहले से छिंदवाड़ा दौरा बीच में कैंसल कर अपने सांसद बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली पहुंचे थे तब मीडिया ने उनसे भाजपा में शामिल होने को लेकर सवाल  किया तो उन्होंने इसको खारिज नहीं किया। इसके बाद कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें और तेज हो गई है। वहीं अब तक कमलनाथ मीडिया के सामने आकर भाजपा में शामिल होने की खबरों का न तो खंडन किया है और न स्वीकार किया। हलांकि उनके समर्थक नेताओं ने मीडिया के सामने आकर कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरों का खंड़न किया है।

आखिर कमलनाथ भाजपा में आखिर क्यों नहीं शामिल हो पाए, यह अब भी बड़ा सवाल बना हुआ है। सियासी हल्कों में इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं है। एक चर्चा ज्योतिरादित्य सिंधिया को  लेकर है। सियासी हल्कों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कमलनाथ भी भाजपा में एंट्री को लेकर कांग्रेस से ही भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया सहज नहीं अनुभव कर रहे थे। इस वजह यह है कि मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कमलनाथ की कार्यशैली से ही नाराज होकर कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। ऐसे में अगर कमलनाथ भाजपा में शामिल होते तो यह ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए सही नहीं होता। भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है और विधानसभा चुनाव में सिंधिया ने कमलनाथ पर तीखे हमले किए थे।

ऐसे में अब जब लोकसभा चुनाव के लिए बहुत कम वक्त बचा है तब भाजपा ग्वालियर-चंबल में  खासा प्रभाव रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को नाराज नहीं करना चाहती थी। लोकसभा चुनाव में भाजाप के लिए ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस से तगड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में भाजपा केवल छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के लिए ग्वालियर-चंबल में आने वाली पांच लोकसभा सीटों पर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी। वहीं चर्चा इस बात की भी है कि कमलनाथ की एंट्री को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने जब सिंधिया से चर्चा की तो सिंधिया ने अपना विरोध दर्ज कराया था।

वहीं दूसरी और कमलनाथ की भाजपा में एंट्री को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी हरी झंडी नहीं दी। नागपुर से कमलनाथ के भाजपा में एंट्री को हरी झंडी नहीं मिलने के कारण ही ऐन वक्त पर एंट्री की पूरी कहानी में ट्विस्ट आ गया और पूरी कहानी पर ब्रेक लग गया।

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