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Last Updated : बुधवार, 21 जुलाई 2021 (14:09 IST)

Corona काल में सेवा करने वाले स्टाफ को अस्पताल ने बांटी कारें और फ्लैट

Corona काल में सेवा करने वाले स्टाफ को अस्पताल ने बांटी कारें और फ्लैट - hospital distributed cars and flat to the staff serving during the Corona period
-रिपोर्ट एवं फोटो धर्मेन्द्र सांगले 
मुख्य बिन्दु-
  • कोरोनावायरस काल में सेवा का अस्पताल ने दिया इनाम
  • अस्पताल स्टाफ को बांटी 6 कारें एवं 1 फ्लैट
  • कर्मचारी राहुल ने कहा- खुशी से रातभर सो नहीं पाया
  • डॉ. आनंद जैन हैं लक्ष्मी मेमोरियर अस्पताल के संचालक
इंदौर। कोरोनावायरस (Coronavirus) काल में सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में पूरी शिद्दत से काम किया। उनकी काफी सराहना भी हुई, लेकिन इंदौर के एक अस्पताल ने सराहना से भी आगे जाते हुए अपने कर्मियों को पुरस्कृत भी किया। शहर के लक्ष्मी मेमोरियल अस्पताल ने कोरोना काल में अच्छा काम करने वाले इन कर्मचारियों को उपहार स्वरूप 6 कारें और 1 फ्लैट दिया है। 
 
अस्पताल के संचालक डॉ. आनंद जैन ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि सभी कर्मचारी हमारे भाई-बंधु हैं। कोरोना काल में इन सभी ने बहुत अच्छे से काम किया। कोरोना पेशेंट्‍स के साथ ही अन्य मरीजों को भी घर की तरह ट्रीट किया। उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी। मरीजों के अटेंडर्स को भी किसी तरह की परेशानी नहीं। ऐसे में मुझे लगा कि इन सबके लिए कुछ न कुछ करना चाहिए।
 
डॉ. जैन ने कहा कि हमने 6 कर्मचारियों को उपहार स्वरूप कारें प्रदान की हैं, जबकि एक कर्मचारी को फ्लैट दिया है। यह तो शुरुआत है। हम आगे भी इस तरह के काम करते रहेंगे। 
अस्पताल के कर्मचारी राहुल परमार ने बताया कि एक दिन डॉ. आनंद जैन सर मेरे पास आए और इनाम के रूप में कार देने की पेशकश की। मैंने उनसे कहा कि सर, मेरे पास कार रखने की जगह नहीं है। मुझे कार से ज्यादा घर की जरूरत है। मेरी बात समझकर उन्होंने मुझे फ्लैट दिया। इससे मुझे जो खुशी मिली, उसके चलते मैं रातभर सो नहीं पाया। मैंने यह खुशी अपनी पत्नी के साथ भी साझा की। 
 
अस्पताल में फ्लोर मैनेजर के रूप में कार्य कर रहे योगेश मवाल ने कहा कि मैं 6-7 महीने पहले ही अस्पताल में आया हूं। इससे पहले डॉक्टर आनंद जैन के साथ ही दूसरे अस्पताल में काम करता था। इतना कम समय में डॉ. जैन ने मेरे काम को समझा और मुझे कार भेंट की, इस खुशी को मैं बयां नहीं कर सकता। काम तो मैं बहुत पहले से कर रहा हूं, लेकिन पहली बार ऐसा लगा मानो किसी ने मेरे काम को समझा भी है।
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