RGPV के कुलपति समेत 5 पर FIR, यूनिवर्सिटी की करोड़ों की रकम निजी खातों में डालने का आरोप
भोपाल। मध्यप्रदेश की बड़ी यूनिवर्सिटी में शुमार राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बड़े विवादों में घिर गया है। यूनिवर्सिटी में करोड़ों का गबन के आरोप में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश पर कुलपति समेत 8 के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सुनील कुमार, निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, लाभार्थी मयंक कुमार और दलित संघ सोहागपुर और चार अन्य के खिलाफ भोपाल के गांधी नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
पूरा मामला राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 19.48 करोड़ रुपये निजी बैंक खाते में भेजने और 25-25 करोड़ की चार एफडी आरबीएल निजी बैंक में फर्जी दस्तावेज तैयार कर रखने सहित अन्य वित्तीय अनियमितता से जुड़ा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विश्वविद्यालय के वित्त शाखा के सभी अधिकारियों को हटाकर उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मेरे संज्ञान में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय में चल रही आर्थिक अनियमितता का प्रकरण सामने आया है. मैंने त्वरित एफआईआर और विश्वविद्यालय की वित्त शाखा में पदस्थ सभी अधिकारियों को हटाकर उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में दोषी पाए जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
पुलिस में दर्ज एफआईआर के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने भोपाल और पिपरिया के एक निजी बैंक में नियमों को ताक पर रख एफडी कार्रवाई। विश्विद्यालय की ओर आरबीएल (निजी बैंक) की पिपरिया शाखा में आरजीपीवी के 100 करोड़ रुपये की एफडी बनवाकर जमा किए गए हैं। जिस आरबीएल की शाखा में रुपये जमा किए गए हैं, वह बैंक की बहुत छोटी शाखा है, लेकिन आरजीपीवी के कुलपति और तत्कालीन रजिस्ट्रार ने बैंक के फर्जी स्टेटमेंट तैयार करवाकर बैंक को फायदा पहुंचाने के लिए विवि की राशि के 25-25 करोड़ की चार एफडी बनवाकर पिपरिया शाखा में जमा कराई। इसके साथ ही एक एनजीओ को भी अनियमितता बरतते हुए करीब नौ करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
पूरे मामले में एबीवीपी के लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद अब सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। गौरतलब है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता दो दिन से आरजीपीवी कैंपस में इसी आर्थिक अनियमितता के मामले में कार्रवाई करने को लेकर धरना दे रहे थे और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। धरना दे रहे है एबीवीसी कार्यकर्ता से मिले प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार भी पहुंचे और उन्होंने पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
वहीं पूरे मामले में तकनीकी शिक्षा विभाग ने शिकायत के बाद तीन सदस्यीय समिति जांच के लिए गठित की थी. समिति ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट दी। इसमें यूनिवर्सिटी के 19.48 करोड़ रुपये आपराधिक षड्यंत्र कर निजी खातों में ट्रांसफर करने की पुष्टि हुई है।