चुनाव में कांग्रेस ने बिजली कंपनियों से लिए करोड़ों रुपए, नागरिक उपभोक्ता मंच का बड़ा आरोप, लोकायुक्त और राज्यपाल से शिकायत
भोपाल। सूबे में अघोषित बिजली कटौती से परेशान कमलनाथ सरकार पर अब चुनाव में बिजली कंपनियों से पैसा लेने का बड़ा आरोप लगा है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के संस्थापक डॉक्टर पीजी नाजपांडे का आरोप हैं कि कांग्रेस ने चुनाव के समय विदुयत वितरण कंपनी से करोड़ों रुपए लिए है इसी के चलते अब वह बिजली कटौती होने पर उन पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
वेबदुनिया से बातचीत में खुलासा करते हुए पीजी नाजपांडे ने कहा कि उनके पास इस बात के प्रमाण है कि चुनाव में कांग्रेस ने विदुयत वितरण कंपनी से पैसा लिया है, इसलिए सरकार अब बिजली कंपनियों पर दबाव नहीं बना पा रही है।
नाजपांडे कहते हैं कि ये पूरा लेनदेन लगभग 523 करोड़ का है। नाजपांडे का कहना हैं पूर मामले की जांच के लिए उन्होंने लोकायुक्त और राज्यपाल को पत्र लिखा है। नाजपांडे का दावा हैं कि चूंकि चुनाव के वक्त विदुयत वितरण कंपनियों से पैसा लिया गया है इसलिए अब जब पूरा प्रदेश अघोषित बिजली कटौती से जूझ रहा है तो उस पर सरकार कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
कटौती के लिए बिजली कंपनियां जिम्मेदार – भीषण गर्मी में बिजली कटौती होने के लिए कौन जिम्मेदार है इस सवाल पर वो नाजपांड कहते हैं कि इस वक्त जो अघोषित बिजली कटौती हो रही है उसके पीछे बिजली कंपनियों का मिस मैनेंजमेंट जिम्मेदार है। बिजली कंपनियों के इस दावे पर कि कोई कटौती नहीं हो रही है पर सवाल उठाते हुए नाजपांडे कहते हैं कि कंपनियां बहुत चालाकी से टिपिंग के बहाने कटौती कर रही है। वो सवाल करते हैं जब मेंटनेंस का काम साल भर चलता है तो फिर टिपिंग क्यों हो रही है?
खरीदी में घोटाले की जांच क्यों नहीं – बिजली कटौती पर सरकार के मंत्री गोविंद सिंह के इस बयान पर कि पिछली सरकार में घटिया स्तर के सामानों की खरीदी हुई थी इस कारण अब बार-बार दिक्कत आ रही है। नाजपांडे कहते हैं कि उनकी शिकायत के बाद भी पूरे मामले की जांच सरकार क्यों नहीं कर रही है। कमलनाथ सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिजली खरीदी को लेकर जो भष्टाचार हुआ है उसकी जांच में सरकार लीपापोती कर रही है। पीजी नाजपांडे कहते हैं कि सरकार के मंत्री केवल आरोप लगा रहे है जबकि इसकी जांच होना चाहिए।