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Last Modified: बुधवार, 25 दिसंबर 2019 (17:23 IST)

CAA के खिलाफ सड़क पर कमलनाथ, NPR का किया समर्थन, NRC का विरोध

CAA protest | CAA के खिलाफ सड़क पर कमलनाथ, NPR का किया समर्थन, NRC का विरोध
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने बुधवार को फिर दोहराया कि राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा संशोधित नागरिकता कानून (CAA) लागू नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) को राष्ट्रीय नागरिकता पंजी एनआरसी (NRC) के साथ क्रियान्यवन पर भी सवाल उठाया

सीएए के विरोध में प्रदेश कांग्रेस के पैदल मार्च के समापन के बाद एनपीआर की घोषणा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, वो जो एनपीआर लाए, ये तो हम भी चाहते थे, पर उसके साथ कोई एनआरसी नहीं जोड़ा था जो ये जोड़कर ला रहे हैं। ये इनकी नीयत साबित करती है।

केन्द्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ ने कहा कि केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री संसद में पहले ही बता चुके हैं कि पूरे देश में एनआरसी को लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि संसद में अपने 40 वर्षों के दौरान मैंने कभी सीएए और एनआरसी जैसे संविधान विरोधी कानून नहीं देखे। सवाल यह नहीं है कि इन कानून में क्या लिखा गया है, बल्कि क्या नहीं लिखा गया है। सवाल इसके उपयोग का नहीं दुरुपयोग का है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र की समस्याएं, निवेश लाने की चुनौतियां, बेरोजगारी तथा आर्थिक मंदी सहित अनेक मुद्दे हैं, लेकिन केन्द्र इन गंभीर समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है। कमलनाथ ने यह भी दोहराया कि उनकी सरकार प्रदेश में सीएए लागू नहीं करेगी।

उन्होंने कहा, जो जनविरोधी, संविधान विरोधी, समाज विरोधी, धर्म विरोधी कानून हैं, वे मध्यप्रदेश में कभी लागू नहीं होंगे, जब तक कांग्रेस की सरकार है। पैदल मार्च शुरु होने के पहले रंगमहल चौराहे पर उपस्थित जनसमूह के सामने कमलनाथ ने देश के बुनियादी ढांचे के विरोधी सीएए कानून के खिलाफ अंत तक लड़ने की शपथ ली।

उन्होंने कहा कि भारत की पहचान उसके संविधान से है, जो विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ता है और देश की एकता सुनिश्चित करता है। कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा रंगमहल टॉकीज चौराहे से शुरु होकर मिंटो हॉल (पुरानी विधानसभा परिसर) में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास समाप्त हुई।

मार्च में प्रदेश सरकार के मंत्री, कांग्रेस के पदाधिकारी और अन्य राजनीतिक दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बसपा, राकांपा आदि के नेताओं सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। पैदल मार्च में लोग राष्ट्रीय ध्वज लिए थे और 'भारत माता की जय' के नारे लगा रहे थे।