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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: बुधवार, 25 जनवरी 2023 (13:16 IST)

फिल्म पठान के समर्थन में आए नरोत्तम मिश्रा, मध्यप्रदेश के कई शहरों में जमकर विरोध प्रदर्शन

फिल्म पठान का विरोध नहीं होना चाहिए: नरोत्तम मिश्रा

फिल्म पठान के समर्थन में आए नरोत्तम मिश्रा, मध्यप्रदेश के कई शहरों में जमकर विरोध प्रदर्शन - Boycott of film Pathan in Madhya Pradesh, Narottam Mishra came in support
भोपाल। सुपरस्टार शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'पठान'  आज रूपहले परदे पर रिलीज हो गई है। फिल्म के रिलीज होने को लेकर जहां दर्शकों में काफी उत्साह नजर आ रही है वहीं मध्यप्रदेश के कई शहरों में फिल्म पठान का जमकर विरोध हो रहा है। राजधानी भोपाल, इंदौर,ग्वालियर,रतलाम और छिंदवाड़ा में हिंदू संगठनों ने जमकर फिल्म का विरोध किया।

भोपाल में विरोध प्रदर्शन-मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के डीबी मॉल के बाहर के साथ रंगमहल और ज्योति टॉकीज पर हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करके अपना विरोध जताया। ज्योति टॉकीज के बाहर हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और फिल्म पठान का पोस्टर हटा दिया। वहीं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने डीबी मॉल के बाहर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी और जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं हिंदूवादी संगठनों ने हनुमान चालीसा का पाठ भी  किया।

नरोत्तम मिश्रा ने किया समर्थन-वहीं मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मध्यप्रदेश में फिल्म पठान को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन पर कहा कि फिल्म पठान का विरोध नहीं होना चाहिए। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि फिल्म में सभी संसोधन कर लिए गए है और उसमें से आपत्तिजनक चीजें हटा लिए गए है इसलिए अब फिल्म पठान का विरोध नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विरोध करने वालों को हम समझाएंगे।
 

जयभान पवैया ने दी सीख-वहीं दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव जयभान सिंह पवैया ने फिल्म के विरोध प्रदर्शन पर कहा कि फिल्में दर्शकों और समाज के बल पर ही चलती है। अगर कहीं समाज में कोई गुस्सा है तो फिल्म बनाने वालों को भी सोचना और समझना चाहिए। इसलिए फिल्मेमेकर्स को बहुत संवेदनशील होना चाहिए। फिल्म मेकर्स को भी सोचना चाहिए कि जन भावनाओं को आहत करने वाले विषय पर फिल्म ना बनाये।

इसके साथ जयभान सिंह पवैया ने फिल्म पठान के विरोध को सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया बताते हुए कहा कि विरोध के तौर तरीकों पर भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता है कि जानबूझकर फिल्म में किसी की भावना और सभ्यता पर चोट पहुंचाने की कोशिश की गई है तो लोकतांत्रिक तरीके से विरोध के बहुत रास्ते होते हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि यह सोचने का समय है बॉक्स ऑफिस पर हिट करने के लिए कुछ भी होना नहीं चाहिए और आंख बंद करके भी विरोध नहीं होना चाहिए। विरोध करने वालों को भी सोचना चाहिए कि केवल विरोध के लिए विरोध ना हो।
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