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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021 (15:48 IST)

गोडसे के पुजारी की कांग्रेस में एंट्री पर मचा गदर, अरुण यादव ने खोला मोर्चा, कहा हर राजनीतिक नुकसान के लिए तैयार

गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया पर घर में घिर गए कमलनाथ

गोडसे के पुजारी की कांग्रेस में एंट्री पर मचा गदर, अरुण यादव ने खोला मोर्चा, कहा हर राजनीतिक नुकसान के लिए तैयार - Arun Yadav opposes of Godse supporter Babulal Chaurasia in the Congress
भोपाल। महात्मा गांधी की हत्यारे नाथूराम गोडसे की पुजारी की एंट्री को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस में ‘गदर’ छिड़ गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने इस पर सवाल उठाते हुए सार्वजनिक तौर पर एक पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज करा दिया है। अरुण यादव ने लिखा कि महात्मा गांधी और गांधी विचारधारा के हत्यारे के खिलाफ मैं खमोश नहीं बैठ सकता। 
 
अपने पत्र में अरुण यादव ने लिखा कि “मैं आरआरएस विचारधारा को लेकर लाभ हानि की चिंता किये बगैर जबानी जंग नहीं, सड़को पर लड़ता हूँ। मेरी आवाज कांग्रेस और गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ता की आवाज है। जिस संघ कार्यालय में कभी तिरंगा नहीं लगता है, वहां इंदौर के संघ कार्यालय (अर्चना) पर कार्यकर्ताओं के साथ जाकर मैंने तिरंगा फहराया। देश के सारे बड़े नेता कहते है कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे था। आज गोडसे की पूजा करने वाले की कांग्रेस में प्रवेश को लेकर वे सब खामोश क्यों है ?यदि यही स्थिति रही तो आतंकवाद से जुडी भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर, जिसने गोडसे को देशभक्त बताया है, जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मैं प्रज्ञा ठाकुर को जिंदगीभर माफ नही कर सकता हूँ। यदि वो भविष्य में काग्रेस में प्रवेश करेगी तो क्या कांग्रेस उसे स्वीकार करेगी ?
अपने पत्र में अरूण यादव ने आगे लिखा कि “कमलनाथ सरकार के समय इन्हीं बाबूलाल चौरसिया और उनके सहयोगियों पर ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने और पूजा करने के विरोध में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। इसलिए काग्रेस की गांधीवादी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे सिपाही के नाते में नही बैठ सकता हूँ। यह मेरा वैचारिक संघर्ष किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं होकर काग्रेस पाटी की विचारधारा को समर्पित है। इसके लिए मैं हर राजनीतिक क्षति सहने को तैयार हूँ”।
 
वहीं कांग्रेस में छिड़े इस गदर पर भाजपा चुटकी लेने में पीछे नहीं है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के लिए तो गांधी का मतलब राहुल गांधी हैं और हमारे गांधी महात्मा गांधी है। कांग्रेस में अरुण यादव जी जैसे कितने लोग बचे हैं। कांग्रेस में अधिकांश गोडसे भक्त ही बचे हैं। जहां तक कमलनाथ जी का सवाल है तो वो तो राहुल गांधी की भी नहीं सुनते तो अब क्या मानेंगे।