Assembly Election Results 2023: मध्यप्रदेश में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
Assembly Election Results 2023: मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत की तरफ बढ़ती भाजपा ने यह साबित कर दिया है कि जनता अब भी उस पर भरोसा करती है। मध्यप्रदेश में भाजपा ने अब तक 167 सीटों पर बढ़त बनाए रखी है। इस बीच एक बार फिर से सीएम शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं का जादू चला है। इस बंपर जीत में शिवराज की लाड़ली बहना जैसी योजनाओं को श्रेय दिया जा रहा है। ऐसे में अब प्रदेश के सीएम पद के दावेदारी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
जानते हैं कौन-कौन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हो सकता है और किस नाम पर सीएम पद की मुहर लग सकती है।
कितनी हैं शिवराज सिंह की संभावनाएं : शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में मध्यप्रदेश के सीएम हैं। ऐसे में सीएम होने के नाते इस बंपर जीत के बाद शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से सीएम पद के स्वाभाविक उम्मीदवार हैं। हालांकि भाजपा ने चुनाव के पहले सीएम चेहरे को लेकर कोई खुलासा नहीं किया था। ऐसे में अभी इस बात की संभावना बनी हुई है कि पार्टी का कोई दूसरा चेहरा सीएम हो सकता है। हालांकि प्रदेश में मामा के नाम से मशहूर शिवराज काफी लोकप्रिय हैं और अब उन्होंने खुद को प्रदेश की बहनों के भाई के तौर पर प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया है। ऐसे में पार्टी के लिए शिवराज को पूरी तरह से नकारना मुश्किल होग सकता है।
कैलाश विजयवर्गीय के बयान के मायने : हालांकि पार्टी के भीतर ही पद को लेकर गतिरोध हो सकता है। दरहसल, परिणाम वाले दिन ही कैलाश विजयवर्गीय के एक बयान से यह साफ हो गया है कि वे शिवराज की दावेदारी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। कैलाश ने कहा है कि अगर मध्यप्रदेश की जीत में लाड़ली बहना का योगदान है तो फिर राजस्थान और छत्तीसगढ में भाजपा कैसे जीत रही है। यह कहकर उन्होंने कहीं न कहीं अपनी दावेदारी की आहट सुना दी है। जाहिर है प्रदेश में सीएम की दौड़ को लेकर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
मोदी की पसंद ज्योतिरादित्य सिंधिया : दूसरी तरफ कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में शामिल हुए युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पीएम मोदी की पसंद बताए जाते हैं। हाल ही में पीएम मोदी, अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सिंधिया के महल जा चुके हैं। सिंधिया युवा होने के साथ ही एक ऐसे नेता हैं, जिनके बागी होने की वजह से 2018 में हारी हुई भाजपा ने सत्ता में वापसी की थी। टिकट बंटवारे से लेकर मंत्रिमंडल गठन तक सिंधिया का खासा दखल देखा गया है। भाजपा आला-कमान सिंधिया को सीएम बनाकर न सिर्फ चौंका सकती है, बल्कि सीएम पद को लेकर कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और शिवराज के बीच संभवत: होने वाले गतिरोध को शांत कर सकती है।
भाजपा का ओबीसी कार्ड प्रहलाद पटेल : अगर भाजपा को गाहे-बगाहे प्रदेश में ओबीसी कार्ड खेलना पड़ा तो ऐसे में तीसरे नाम के तौर पर प्रहलाद पटेल का नाम सामने आ सकता है। हालांकि यह भी हो सकता है कि राहुल गांधी का ओबीसी दाव नहीं चलते से उनकी दावेदारी कमजोर हो जाए। बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ओबीसी के मुद्दे को जमकर उछाला था।
ये नाम भी चर्चा में हैं : मध्यप्रदेश के सीएम पद की दावेदारी में नरेन्द्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा का नाम भी चर्चा में था, हालांकि फिलहाल उन्हें जीत के लिए अपने ही इलाके में जूझना पड़ रहा है। ऐसे में साफ है कि मध्यप्रदेश भाजपा में कई बड़े दिग्गज सीएम पद की रेस में हो सकते हैं और यह मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।