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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: बुधवार, 6 सितम्बर 2023 (17:36 IST)

MP चुनाव में सिंधिया की एंट्री, ग्वालियर-चंबल में तोमर के साथ ज्योतिरादित्य की दिखी जुगलबंदी

ग्वालियर-चंबल में जन आशीर्वाद यात्रा के रथ पर सवार हुए तोमर-सिंधिया

MP  चुनाव में सिंधिया की एंट्री, ग्वालियर-चंबल में तोमर के साथ ज्योतिरादित्य की दिखी जुगलबंदी - Scindia-Tomar's duet in Gwalior-Chambal Jan Ashirwad Yatra
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की एंट्री हो गई है। मंगलवार को श्योपुर से शुरु हुई भाजपा की जनआशीर्वाद यात्रा के आज दूसरे दिन ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ जन आशीर्वाद यात्रा में सवार दिखाई दिए और भाजपा के समर्थन में लोगों से आशीर्वाद मांगा।

जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र के विकास और प्रगति के लिए माधव महाराज ने ग्वालियर से रेल लाइन डलवाई और डेम बनवाया। अब भाजपा सरकार उनके कार्यों को आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार क्षेत्र में नए कॉलेज, डेम का निर्माण और सड़कों का जाल बिछाकर चहुंओर विकास करवा रही है। क्षेत्र में विकास के लिए केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी सतत् प्रयासरत रहे हैं। उनके कार्यकाल में हर क्षे़त्र में विकास हुआ है।

वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि श्योपुर का नाम आज देश और दुनिया में लिया जाता है, क्योंकि यहां पर प्रधानमंत्र नरेन्द्र मोदी जी ने चीता परियोजना का शुभारंभ कर ग्वालियर-चंबल ही नहीं प्रदेश के लिए बड़ी सौगात दी थी। पिछली बार आपकी एक गलती से श्योपुर में विपक्षी पार्टी का विधायक बन गया, जिसने आपकी बिलकुल भी चिंता नहीं की। हमेशा आपको अपमानित करने का काम किया। अब ऐसे नेताओं को जवाब देने का समय आ गया है। सिर उठाकर चलना है तो श्योपुर में कमल खिलाना होगा और भाजपा को जिताना होगा।

तोमर-सिंधिया की जुगलबंदी के सियासी मायने-विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ग्वालियर-चंबल में निकाली जा रही जनआशीर्वाद यात्रा में तोमर और सिंधिया का एक रथ पर सवार होने के कई सियासी मायने भी है। दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद पार्टी ग्वालियर-चंबल में पार्टी दो गुटों में बंट गई थी। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में उम्मीदवारों के चयन को लेकर नई भाजपा और पुरानी भाजपा के नेताओं में टकराव साफ देखा गया था।

ग्वालियर नगर निगम के महापौर में भाजपा उम्मीदवार के टिकट को फाइनल करने को लेकर ग्वालियर से लेकर भोपाल तक और भोपाल से लेकर दिल्ली तक जोर अजमाइश देखी गई थी और सबसे आखिरी दौर में टिकट फाइनल हो पाया था। ग्वालियर नगर निगम में महापौर चुनाव में 57 साल बाद भाजपा की हार को भी नई और पुरानी भाजपा की खेमेबाजी का परिणाम बताया जाता है। इतना ही नहीं पंचायत चुनाव में ग्वालियर के साथ-साथ डबरा और भितरवार में जनपद पंचायत अध्यक्ष पद पर अपने समर्थकों को बैठाने के लिए महाराज समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी और भाजपा के कई दिग्गज मंत्री आमने सामने आ गए थे। पंचायत चुनाव में दोनों ही गुटों ने अपना वर्चस्व दिखाने के लिए खुलकर शक्ति प्रदर्शन भी किया था। 

ऐसे में भाजपा अब इस सबसे मबजूत इलाके में पार्टी को एकजुट करने के लिए पूरी ताकत के साथ जुट गई है और अब पार्टी नेतृत्व ने इसकी जिम्मेदारी सिंधिया और तोमर के कंधों पर डाल दी है। अगले एक पखवाड़े तक ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर-चंबल की 34 विधानसभा सीटों पर जाने वाले जनआशीर्वाद यात्रा की अगुवाई करते  हुए दिखाई देंगे।
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