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Written By ND

अपनी पसंद के प्यार से ही खुशी

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हेलो दोस्तो! 'कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता।' यह बात अगर प्यार करने वालों की समझ में आ जाए तो शायद उनकी ढेर सारी मुश्किलें आसान हो जाएँ। अनेक प्रकार की दुविधाओं से छुटकारा मिल जाए। वे चैन से जी सकें और अपने फैसले पर उन्हें संतोष व सुकून मिल सके।

हर किसी को खुश रखना जितना भी आसान या मुश्किल हो लेकिन ऐसा करके कोई खुद को हरगिज खुश नहीं रख सकता। खुद को खुश रखने के लिए नाव को किसी एक किनारे पर लगाना ही पड़ता है। दूसरे किनारे का मोह चाहे जितना भी हो, इस पार या उस पार का सब्र मन में बाँधना ही पड़ता है वरना मौजों के थपेड़े खाने से उसे कोई नहीं बचा सकता है। अफसोस बहुत से लोग इस मझधार में ही अपना जीवन गँवाने में अपनी बहादुरी समझते हैं।

ऐसी ही कशमकश में पड़कर नींद की गोलियाँ खाकर अपनी जिंदगी खत्म करने के बारे में प्रयास कर चुकी हैं माधुरी चोपड़ा (बदला हुआ नाम)। माधुरी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुकी है और एक लड़के से प्रेम करती हैं जिनकी आमदनी दस लाख रुपए सालाना है। दोनों एक-दूसरे को बहुत प्यार करते हैं पर माधुरी के माँ-बाप उनकी शादी किसी डॉक्टर से करना चाहते हैं। माधुरी अपने माता-पिता को बहुत प्यार करती हैं इसलिए उनका दिल नहीं दुखाना चाहती हैं। अपना जीवन समाप्त कर देना ही उन्हें इसका एक मात्र हल नजर आत है।

माधुरी जी, आप जैसे आत्मनिर्भर पढ़ी-लिखी लड़की भी यदि इतनी कमजोर हो सकती है तो आम लड़कियों की बिसात ही क्या है। दरअसल, मनुष्य के भीतर इतने प्रकार की जटिल ग्रंथियाँ होती हैं कि उन्हें सुलझाने के बजाय वह इस कहानी को ही खत्म कर देना चाहता है। सबसे बड़ी मुश्किल तब आती है जब आप हर किसी की निगाह में परफेक्ट बनना चाहते हैं। कोई आपको न बुरा समझे और न कहे। खुद को अच्छा साबित करने के लिए चाहे किसी और का जितना भी बुरा क्यों न हो जाए, यह भी आपको मंजूर होता है।

आपके माँ-बाप की इस जिद में कोई खास दम या तर्क नजर नहीं आता है कि वे आपकी शादी किसी डॉक्टर से करना चाहते हैं। उनकी इस जिद को पूरा न कर पाने की स्थिति में आप जान देने की सोच बैठीं, बहुत ही बेवकूफी भरा कदम लगता है। उन्होंने आपको डॉक्टरी पढ़ने के लिए भेजा, आप नहीं पढ़तीं, आवारागर्दी करतीं और फेल होतीं, तब ग्लानि होना, अवसाद में पड़ना, खुद को गुनहगार समझना फिर भी समझ में आता पर केवल उनकी पसंद के पेशे वाले से शादी नहीं करने की वजह से इतना विचलित होना नासमझी है।

उनकी समझ है कि दोनों ऐक पेशे में होंगे तो जीवन ज्यादा खुशहाल होगा। यह एक व्यवहारिक तर्क हो सकता है। पर जीवन में प्रेम होने का संतोष होना बिल्कुल दीगर बात है। वह आप ही समझ सकती हैं कि आपके लिए अन‍ुपम का प्यार कितना मायने रखता है। आपके विचार में उनके जैसा व्यक्ति फिर आपको नहीं मिलेगा जो आपको भली-भाँति समझता है, आपका खूब ख्याल रखता है और आपकी दुविधा को जानते हुए आपको स्पेस देता है और कठिन समय में संभालता है। एक अच्‍छे जीवनसाथी में यही गुण तो चाहिए।

माँ-बाप की आ‍पत्ति केवल पेशे को लेकर है बाकी तो वे भी आपके खेरख्‍वाह ही हैं। दूसरे पेशे वाले अपने दोस्त से शादी कर लेने पर हो सकता है कि वे कुछ दिन नाराज हों पर यह नाराजगी ज्यादा दिन नहीं टिकेगी क्योंकि इसका आधार बहुत ही कमजोर है। जब वे आपको खुश, संतुष्ट और अपनी गृहस्थी में मग्न देखेंगे तो खुद-ब-खुद उनका गुस्सा शांत हो जाएगा। उन्हें लगता है कि दोनों डॉक्टर होंगे साथ मिलकर अच्छा कामकाज चला पाएँगे लेकिन केवल संपन्नता ही संपूर्णता और संतुष्टि का आधार नहीं होता है।

आप खुशकिस्मत हैं कि शादी के पहले से उस इंसान को जानती हैं जो आपको पसंद करता है, आपकी कमजोरियों को जानते हुए भी आपको प्यार करता है वरना लोगों को पूरा जीवन एक-दूसरे को समझने में लग जाता है। एक अनजान व्यक्ति से शादी करना एक जुआ ही है। अच्छा-बुरा कैसा भी अनुभव हो सकता है।

अपनी मर्जी की शादी कर लेने से माँ-बाप थोड़े दिनों में माफ भी कर देंगे और आपको जीवन में मस्त देखकर वे खुश भी हो जाएँगे। हाँ, यदि आपने आत्महत्या करने की सोची तो सिवाय दुख के आप उन्हें और कुछ भी नहीं देंगी। किसी डॉक्टर से शादी करने के बाद भी अगर आप अनमने ढंग से अपना जीवन बिताएँगी वह भी उन्हें कचोटता रहेगा। उनकी खुशी दरअसल आपसे जुड़ी है। आप खुश रहेंगी तो वे भी आज नहीं तो कल खुश हो ही जाएँगे इसलिए अपनी पसंद के युवक से विवाह कर खुश रहे और खुशियाबाँटें।