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Written By भाषा

आडवाणी ही होंगे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार

कंधार मामले में किया नरेन्द्र मोदी ने बचाव

नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के मामले में नरेन्द्र मोदी के लालकृष्ण आडवाणी का उत्तराधिकारी होने के बारे में भाजपा में चल रही बहस के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर ठंडा पानी डालने की कोशिश के तहत कहा कि 2014 के चुनाव में भी आडवाणी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

PTI
हिन्दुत्व के चेहरे के तौर पर स्थापित 58 वर्षीय मोदी ने विशेष साक्षात्कार में कहा कि आडवाणीजी 2014 के चुनाव में भी हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

भाजपा नेताओं अरुण शौरी, अरुण जेटली और वेंकैया नायडू के हाल के बयानों के मद्देनजर गुजरात के मुख्यमंत्री से पूछा गया था कि आडवाणी के बाद क्या वे प्रधानमंत्री पद की दावेदारी में हैं।

इस सवाल पर कि क्या वे राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाएँगे, मोदी ने कहा गुजरात की जनता ने मुझे मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है कि वे मुझे राज्य से बाहर भगाएँ।

प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को कमजोर बताकर हमला करने की भाजपा की रणनीति क्या उल्टी पड़ गई है, मोदी ने पलटकर कहा कि सवाल यहाँ प्रधानमंत्री पर हमला करने का नहीं है, सवाल प्रधानमंत्री कार्यालय के अवमूल्यन का है।

सिंह पर व्यंग्य कसते हुए मोदी ने पूछा कि देश क्या ऐसा प्रधानमंत्री चाहता है, जो नामित होता है और एक परिवार पर निर्भर है, या निर्वाचित है।

उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रधानमंत्री को विश्वास होता है कि लोग उसके साथ हैं, जबकि नामित प्रधानमंत्री को एक परिवार पर निर्भर रहना पड़ता है। देश की जनता को इन चीजों पर निर्णय करना है और यह कि वे एक मजबूत प्रधानमंत्री चाहते हैं या नहीं।

लालकृष्ण आडवाणी के आरोपों पर सिंह के जवाब को क्या वे निजी हमला मानते हैं, मोदी ने कहा यह चुनाव का समय है, हमें जो कहना था हमने कहा और उन्हें जो कहना था, उन्होंने कहा। अब लोगों को निर्णय करने दीजिए।

वर्ष 2003 से केंद्र की मंजूरी का इंतजार कर रहे गुजकोका विधेयक का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा गुजकोका विधेयक के मुद्दे पर मैं करीब दस बार प्रधानमंत्री से मिला हूँ और हर बार उन्होंने मुझे बताया कि यह अब भी लंबित है। यह दिखाता है कि सरकार किसी और द्वारा चलाई जा रही है।

बिखर जाएगा तीसरा मोर्चा : यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा तीसरे मोर्चे की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार मायावती या जयललिता को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार पर समर्थन दे सकती है, गुजरात के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने मोदी ने कहा कि तीसरा मोर्चा मतगणना का दिन शुरू होने से पहले खत्म हो जाएगा।

150 भारतीयों की जिंदगी का सवाल : कंधार अपहरण मामले में कांग्रेस की ओर से भाजपा की ओर से लगातार किए जा रहे प्रहार पर मोदी ने कहा कि जो लोग इस घटना पर विवाद पैदा करना चाहते हैं, उन्हें जनता के समक्ष पूरी पृष्ठभूमि रखनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विमान नेपाल से अपहृत किया गया और तालिबान तथा अलकायदा की जमीन पर ले जाया गया। विमान में सवार 150 भारतीय नागरिक देश के किसी राजनेता के रिश्तेदार नहीं थे।

मोदी ने कहा कि इस देश का मीडिया विशेष तौर पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने विमान में सवार लोगों के इंटरव्यू बार-बार दिखाकर एक माहौल बना दिया था। उनकी एकमात्र माँग लोगों को किसी भी कीमत पर वापस लाने की थी।

कांग्रेस पर निशाना : भाजपा नेता ने पूछा कि अब इस मुद्दे से राजनीतिक लाभ लेना चाह रही कांग्रेस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी द्वारा इस मामले में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के दौरान क्यों अपनी आपत्ति नहीं उठाई। मोदी ने पूछा उन्होंने तब क्यों नहीं कहा कि 150 लोगों को मर जाने दीजिए, लेकिन हमें आतंकवादियों को नहीं छोड़ना चाहिए।

कांग्रेस ने भी छोड़ा आतंकियों को : उन्होंने कहा कि मैं मैडम सोनियाजी से पूछना चाहता हूँ कि आंध्रप्रदेश की सरकार ने 60 नक्सलियों को क्यों जाने की अनुमति दी, जब वे 2005 में सुरक्षा बलों द्वारा फँसा लिए गए थे। नरसिंहराव सरकार के समय जब मनमोहनसिंह वित्तमंत्री थे तब चरार-ए-शरीफ में उन्होंने क्यों पाँच दुर्दांत आतंकवादियों को भागने दिया, जब उन्हें हमारे सशस्त्र बलों ने घेर लिया था।

मोदी ने हालाँकि राहुल गाँधी और उनकी बहन प्रियंका के बारे में सवालों को टाल दिया, जिन्होंने प्रचार के दौरान उनका जिक्र किया था। कांग्रेस के भविष्य के प्रधानमंत्री के तौर पर देखे जा रहे राहुल के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि यह उस पार्टी का आंतरिक मामला है।

कांग्रेस को 125 साल की बुढ़िया और बाद में उस पार्टी को गुड़िया कहकर प्रियंका की नाराजगी का सामना करने वाले भाजपा नेता इस बारे में पूछे जाने पर भी कोई टिप्पणी नहीं। चुनावी नतीजों के बारे में मोदी ने दावा किया उच्च मतदान प्रतिशत से स्पष्ट होता है कि जनता ऐसी सरकार चाहती है, जो विकास और सुरक्षा दे सके।