Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
शनिवार, 23 मई 2009 (19:40 IST)
आईटी को सुर्खियों में लाए सिब्बल
कपिल सिब्बल खुद को पेशे से वकील और दुर्घटनावश राजनीतिक कहलाना पसंद करते हैं। लेकिन दुर्घटनावश बने इस राजनीतिक ने खबरों में नहीं रहने वाले वाले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को सुर्खियों में लाकर काफी महत्वपूर्ण बना दिया।
सिब्बल के नेतृत्व में पूर्व में की गई पहलों में विज्ञान लेने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देना और हमेशा आलोचनाओं का शिकार बनने वाले भारतीय मौसम विभाग की ओवरहालिंग शामिल हैं।
सिब्बल को अंटार्कटिक स्थित भारतीय अनुसंधान केन्द्र पर वैज्ञानिकों के साथ रहने का गौरव भी हासिल है। उन्हीं के जोर देने पर वैज्ञानिकों ने आर्कटिक क्षेत्र में भी अनुसंधान केन्द्र खोला।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में हासिल उपलब्धियों के अलावा सिब्बल ने जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक चर्चाओं में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हुए भारत का प्रभावशाली नेतृत्व किया।
वैश्विक ऊष्मीकरण को रोकने में मदद के लिए विकासशील देशों को स्वच्छ प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण को लेकर भारत की चिन्ताओं को विकसित देशों द्वारा स्वीकार किये जाने का श्रेय भी सिब्बल को जाता है।
हारवर्ड ला स्कूल से कानून की मास्टर डिग्री हासिल करने वाले सिब्बल के पास दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास की भी स्नातकोत्तर डिग्री है।