कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे क्यों नहीं लड़ना चाहते लोकसभा चुनाव?
Congress President Mallikarjun Kharge does not want to contest Lok Sabha elections: कांग्रेस ज्यादातर दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते, उनमें कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल हैं। खरगे इस समय राज्यसभा से सांसद हैं और उनका कार्यकाल भी 4 साल का बाकी है, इसीलिए वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इनके अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते।
खरगे के लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के पीछे एक से ज्यादा कारण हैं। पहला कारण तो यह है कि खरगे गुलबर्गा से 2019 में लोकसभा चुनाव हार गए थे। तब खरगे को भाजपा के डॉ. उमेश जाधव ने 95 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। ऐसे में खरगे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। क्योंकि इस समय वे पार्टी के अध्यक्ष हैं और यदि फिर चुनाव हारते हैं तो न सिर्फ उनकी बल्कि पार्टी की भी किरकिरी होगी।
दामाद को सेट करना चाहते हैं खरगे : यह भी कहा जा रहा है कि खरगे गुलबर्गा सीट पर इसलिए चुनाव नहीं लड़ना चाहते क्योंकि वे इस सीट पर अपने दामाद को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं। इसके साथ ही उनके बेटे प्रियांक खरगे कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में मंत्री हैं।
चुनाव नहीं लड़ने के पीछे खरगे का अपना तर्क है। उनका मानना है कि वे एक निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित नहीं रहना चाहते। पार्टी अध्यक्ष के नाते लोकसभा चुनाव में वे पूरे देश पर ध्यान केन्द्रित करना चाहते हैं।
दूसरे नेताओं का भी यही हाल : खरगे ही नहीं दूसरे बड़े नेता भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं। उनका कहना है कि वे अपने गढ़ छिंदवाड़ा को नहीं छोड़ना चाहते। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर उनके बेटे नकुल नाथ सांसद हैं। नकुल का टिकट लगभग तय है।
राजस्थान में भी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। वे भी अपने बेटे वैभव गहलोत को सेट करना चाहता है। वैभव का जालौर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। टोंक सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाले कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने में अरुचि दिखाई है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala