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Written By विकास सिंह
Last Modified: रविवार, 24 मार्च 2019 (20:51 IST)

भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ BJP किस चेहरे पर लगाएगी दांव?

भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ BJP किस चेहरे पर लगाएगी दांव? - Lok Sabha elections 2019 bhopal seat
भोपाल। मध्यप्रदेश के सियासी गालियारों में इस वक्त इस बात पर बड़ी बहस जारी है कि भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी किसको मैदान में उतारेगी।
 
शनिवार को जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बात का ऐलान किया कि दिग्विजय सिंह भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे, इसके बाद बीजेपी में अचानक हलचल तेज हो गई।
 
भोपाल जो 30 साल से बीजेपी का गढ़ है उसको बचाने के लिए बीजेपी में मंथन का दौर तेज हो गया। रविवार को भोपाल में बीजेपी दफ्तर में पार्टी के बड़े नेताओं के बीच बंद कमरे में बैठक हुई।
सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में बड़े नेताओं के बीच कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह का नाम ऐलान होने के बाद बदली परिस्थितयों पर मंथन हुआ, इस बीच बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जता दी तो दूसरी ओर इस बात के कयास भी तेजी से लगाए जा रहे है कि भोपाल से बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिग्विजय सिंह के सामने चुनावी मैदान में उतार सकती है।
 
शिवराज ने भी रविवार को मीडिया से बात करते हुए दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शिवराज ने दिग्विजय को बंटाधार रिटर्न बताते हुए कहा कि बीजेपी उन्हें कोई चुनौती नहीं मानती है, वहीं दिग्विजय के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर शिवराज ने कहा कि पार्टी जो फैसला करेगी वह उन्हें शिरोधार्य होगा।
 
शिवराज पर दांव क्यों : बीजेपी के दिग्विजय सिंह के खिलाफ शिवराज पर दांव लगाने के एक नहीं, कई कारण हैं। अगर प्रदेश की राजधानी में ही दो दिग्गज आमने- सामने होंगे तो इसका संदेश पूरे प्रदेश में जाएगा।
 
कांग्रेस, जो इस समय प्रदेश में सत्ता में है, लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल होने के नाते फायदा उठाने की कोशिश में रहेगी वहीं बीजेपी कांग्रेस को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहेगी।
 
शिवराज जब तक सूबे के मुख्यमंत्री रहे पूरे समय में प्रदेश की जनता को याद दिलाते रहे कि दिग्विजय सिंह के समय प्रदेश की हालत क्या थी और बीजेपी ने कैसे 15 सालों में सूबे की तस्वीर बदल दी। ऐसे में लोकसभा चुनाव में जब बात विकास, बेरोजारी और किसान के मुद्दों की होगी तो बीजेपी कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है।
 
वैसे भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद शिवराज इन मुद्दों पर लगातार आंदोलन कर रहे थे। ऐसे में बीजेपी उन पर दांव लगा सकती है, वहीं दूसरा मुद्दा चहेरे का है। अगर बीजेपी को भोपाल में अपना गढ़ बचाना है तो दिग्विजय के सामने उसी कद के चेहरे को उतारना होगा।
 
शिवराज भले ही आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं हों, लेकिन लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। बीजेपी शिवराज की इसी लोकप्रियता का फायदा उठाकर दिग्विजय को भोपाल में ही घेरने के लिए शिवराज पर दांव लगा सकती है। 
 
विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह ने जैसे पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर बीजेपी को घेरा था, उसके बाद अब बीजेपी के रणनीतिकार दिग्विजय को घेरने में कोई कोर कसर नहीं रहना देना चाहेंगे।
 
आलोक संजर या आलोक शर्मा पर दांव : वहीं दूसरी ओर सियासत के जानकार यह भी मानते हैं कि बीजेपी बदली परिस्थितियों में भोपाल से अपने वर्तमान सांसद आलोक संजर या टिकट के दूसरे दावेदारों में शामिल वर्तमान महापौर आलोक शर्मा पर दांव लगा सकती है।
 
वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटैरिया कहते हैं कि कांग्रेस ने भले ही दिग्विजय सिंह के नाम का ऐलान करने के साथ ही भोपाल को हाईप्रोफाइल सीट बना दिया हो, लेकिन बीजेपी कांग्रेस के ट्रैप में नहीं फंसना चाहेगी। बीजेपी नहीं चाहेगी कि वह भोपाल से किसी बड़े चेहरे को लड़ाकर अपना पूरा ध्यान इस सीट पर लगाए। 
 
पटैरिया कहते हैं कि अगर पिछले चुनाव के वोटों के गणित को देखा जाए तो बीजेपी ने कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले भोपाल उत्तर विधानसभा में भी बढ़त हासिल की थी, ऐसे में अगर वोटों के सियासी समीकरण की बात करें तो बीजेपी कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही है।
 
पटैरिया कहते हैं कि बीजेपी चुनावी बिसात पर प्यादे से बादशाह को मात देने की रणनीति पर काम कर सकती है। वैसे तो भोपाल से बीजेपी के दावेदारों में पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और वीडी शर्मा के नाम भी शामिल हैं।