मकर लग्न शनि प्रधान लग्न है। गंभीर प्रवृत्ति, आध्यात्म की तरफ रुचि व काम के प्रति लगन होती है। शनि अशुभ हो तो ये व्यक्ति गुस्सैल, स्वार्थी व स्वकेंद्रित होते हैं। दूसरों में गलतियाँ ढूँढना इन्हें प्रिय होता है। जीवनसाथी से अत्यधिक अपेक्षाएँ रखते हैं अत: वैवाहिक जीवन अति सामान्य ही रहता है। भाग्योदय प्राय: देर से ही होता है।
शुभ ग्रह : शुक्र पंचमेश व दशमेश होकर, शनि लग्नेश व द्वितीयेश होकर तथा बुध नवमेश होकर कारक होते हैं। इनकी दशा-महादशा फलकारक होती है, जब ये ग्रह अच्छी स्थिति में हों।
अशुभ ग्रह : बृहस्पति, मंगल व चंद्रमा इस लग्न के लिए अशुभ सिद्ध होते हैं। इनकी दशा-महादशा कष्टकारी सिद्ध होती है।
तटस्थ ग्रह : मकर लग्न के लिए सूर्य तटस्थ ग्रह हो जाता है।