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Written By DW
Last Updated : बुधवार, 9 मार्च 2022 (09:07 IST)

Russia-Ukraine War: युद्ध में भी यूक्रेन के रास्ते बड़े स्तर पर हो रही है रूसी गैस आपूर्ति

Russia-Ukraine War: युद्ध में भी यूक्रेन के रास्ते बड़े स्तर पर हो रही है रूसी गैस आपूर्ति - Russian gas supply is getting on a large scale through Ukraine even in the war
यूक्रेन संकट के कारण 7 मार्च को गैस कीमतों का बेंचमार्क रिकॉर्ड ऊपर चढ़ा। गाजप्रोम ने बताया कि युद्ध के बावजूद यूक्रेन के रास्ते बड़े स्तर पर गैस सप्लाई जारी है। कारोबारियों को डर है कि रूस आपूर्ति रोक सकता है। रूस के यूक्रेन पर हमले की शुरुआत को दो हफ्ते होने वाले हैं। वहां चल रहे युद्ध के बावजूद अभी भी यूक्रेन के रास्ते रूसी गैस की आपूर्ति बड़े स्तर पर जारी है।
 
अनुबंध के मुताबिक रूसी ऊर्जा कपनी गाजप्रोम का 24 घंटे में 10.9 करोड़ क्यूबिक मीटर गैस सप्लाई देनी थी। सालाना 4,000 करोड़ क्यूबिक मीटर गैस की आपूर्ति पर सहमति हुई थी। रूस पर प्रतिबंध लागू होने के बाद से यूरोपीय खरीदारों ने अपने ऑर्डर की मात्रा बढ़ा दी। यह जानकारी 8 मार्च को एनर्जी कंपनी गाजप्रोम के प्रवक्ता सेर्गेई कुप्रियानोव ने न्यूज एजेंसी इंटरफैक्स को दी।
 
एनर्जी सप्लाई रोकने की धमकी
 
रूस हमेशा से दावा करता आया है कि वह एक भरोसेमंद एनर्जी सप्लायर है, फिर चाहे संकट की ही स्थिति क्यों न हो। पश्चिमी देशों के लगाए हालिया प्रतिबंधों और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद के घटनाक्रम के मद्देनजर यूरोपीय संघ (ईयू) में रूसी कच्चे तेल और गैस से दूरी बनाने पर चर्चा हो रही है। इसी वजह से पहली बार रूस ने भी नॉर्ड स्ट्रीम 1 बाल्टिक पाइपलाइन के रास्ते जर्मनी को जाने वाली सप्लाई रोकने की धमकी दी है।
 
रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि पश्चिमी देशों के फैसले के जवाब में वैसे ही निर्णय लेने का हमें भी पूरा अधिकार है। हमें भी अधिकार है कि हम नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन के रास्ते जा रही गैस की आपूर्ति रोक दें। अभी इस पाइपलाइन की क्षमता का 100 प्रतिशत इस्तेमाल हो रहा है।
 
नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन शुरू करवाना चाहता है रूस
 
नोवाक की इस टिप्पणी का संदर्भ नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन से जुड़ा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जर्मन सरकार ने इस पाइपलाइन से गैस की सप्लाई की मंजूरी को रोक दिया है। रूस इसे शुरू करवाना चाहता है। इसी संबंध में चेतावनी देते हुए नोवाक ने कहा कि लेकिन हम फिलहाल सप्लाई रोकने का फैसला नहीं ले रहे हैं। इससे किसी को भी फायदा नहीं होगा। साथ में नोवाक ने यह भी जोड़ा कि यूरोपीय नेताओं के बयानों और उनके लगाए आरोपों के चलते रूस को सप्लाई रोकने का फैसला लेना पड़ सकता है।
 
यूरोप अपनी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए रूस पर निर्भर है। उसकी 40 प्रतिशत गैस सप्लाई रूस से आती है। यूक्रेन संकट के कारण पैदा हुए तनाव के चलते 7 मार्च को गैस कीमतों का बेंचमार्क रिकॉर्ड ऊपर चढ़ा। कारोबारियों को डर है कि रूस आपूर्ति रोक सकता है। अगर यूरोप को रूस का विकल्प चाहिए, तो उसे दूसरे देशों से अतिरिक्त गैस खरीदनी होगी। इसके लिए उसे और इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा।
 
यूरोप आने वाले दशकों में गैस और तेल जैसे जीवाश्म ईंधनों से अपनी निर्भरता घटाना चाहता है। यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए एक सस्टेनेबल रणनीति तैयार करने की यूरोपीय योजनाओं का हिस्सा है। इसके लिए यूरोपीय सरकारें तेल और गैस का उत्पादन घटाने के साथ-साथ फॉसिल फ्यूल से जुड़ी परियोजनाओं की फंडिंग कम करने की योजना बना रही हैं। बीते सालों में यूरोप की सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता काफी बढ़ी है, लेकिन अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए आज भी यूरोपीय देश काफी हद तक प्राकृतिक गैस और कोयले पर निर्भर हैं।
 
एसएम/एनआर (डीपीए)
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