सादगी पसंद इंसान हैं मैग्राथ
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ग्लेन मैग्राथ अपनी तकनीकी, सादगी और सीधे-सादे नजरिए की वजह से विश्व क्रिकेट में सबसे अलग दिखाई देते हैं।मैग्राथ शनिवार को यहाँ श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप के फाइनल में अपना आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए उतरेंगे।12
साल पहले मैग्राथ ने इसी किंग्सटन ओवल में 114 रन देकर आठ विकेट लिए थे और ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को पहले टेस्ट में तीन दिन के अंदर हरा दिया था। ऑस्ट्रेलिया ने चार टेस्टों की वह श्रृंखला 2-1 से जीती। यह वेस्टइंडीज की 15 साल में पहली टेस्ट श्रृंखला हार थी। इसी के साथ विश्व क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के दबदबे की भी शुरूआत हो गई।37
साल के मैग्राथ अपने शुरूआती दिनों में तीखे बहुत थे मगर तेजी कभी भी उनका हथियार नहीं रही। वह गेंद को हवा में घुमा सकते हैं मगर रे लिंडवाल और डेनिस लिली की तरह नहीं। फिर भी मैग्राथ का शुमार ऑस्ट्रेलिया के महानतम गेंदबाजों में होता है। अपनी सटीक लाइन और लेंथ तथा सूझबूझ के कारण वह हमेशा लंबी रेस का घोड़ा रहे हैं।मैग्राथ का रनरअप ठीक उतना ही है जितना गेंद को गति देने के लिए जरूरी हो। वह स्टंप्स के बीच ही गेंद डालने में विश्वास करते हैं। उनके गेंदबाजी एक्शन पर कोई भी बायो मेकैनिस्ट अँगुली नहीं उठा सकता।इन्हीं खूबियों के कारण मैकग्रा 563 विकेट लेकर टेस्ट मैचों के सफलतम तेज गेंदबाज हैं। वह विश्व कप में भी सबसे ज्यादा विकेट ले चुके हैं। इस विश्व कप में भी वह अब तक 25 विकेट लेकर सबसे आगे चल रहे हैं।ऑस्ट्रेलिया के कोच जान बुकानन ने कहा कि मैग्राथ सादगी पसंद इंसान हैं। वह चीजों को उलझाए बिना विलक्षण सफलताएँ हासिल करते रहे हैं। माना जा रहा था कि इस विश्व कप में वेस्टइंडीज की धीमी पिचों पर शायद मैग्राथ कुछ खास नहीं कर सकें, लेकिन उन्होंने इन तमाम अटकलबाजियों को धता बताते हुए अपने प्रदर्शन से चारों तरफ चकाचौंध बिखेर दी है बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल जीत में भी मैग्राथ छाए रहे। उन्होंने अपने शुरूआती स्पेल में 14 रन देकर तीन खिलाड़ियों को आउट किया। दक्षिण अफ्रीका के पाँच विकेट सिर्फ 27 रन पर गिर चुके थे।मैग्राथ ने कहा कि इस टूर्नामेंट में मैंने कुछ अलग ढंग से गेंदबाजी की है। मैंने ज्यादा आक्रामक गेंदबाजी की और इसलिए सफलता भी कुछ अधिक मिली है। इस दौरान मेरी गेंदों पर रन भी कुछ अधिक बने हैं। बाजार के इस युग में कोई भी खिलाड़ी खुद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से हटना नहीं चाहता, लेकिन मैग्राथ ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से हटने का फैसला किसी विवशता में नहीं बल्कि अपनी मर्जी से किया है।मैग्राथ ने कहा कि रिटायरमेंट का फैसला कर चुके होने के कारण मुझ पर कोई दबाव नहीं है। इस वजह से मैं बेफिक्र होकर गेंदबाजी कर रहा हूँ और इस सफलता की वजह भी शायद यही है। उन्होंने कहा कि मैं मैदान पर खुद को पूरी तरह फिट महसूस कर रहा हूँ, लेकिन आपको कभी न कभी तो हटने का फैसला करना ही होता है और मेरे लिए यह सबसे सही वक्तहै।