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Written By भाषा
Last Modified: बारबडोस (भाषा) , सोमवार, 4 जून 2007 (03:14 IST)

सहज नहीं रहे हैं ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका के संबंध

सहज नहीं रहे हैं ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका के संबंध -
फिरकी के जादूगर मुथैया मुरलीधरन पर नब्बे के दशक में जब से ऑस्ट्रेलियाई अंपायरों ने 'चकिंग' के आरोप लगाए हैं, तब से दोनों टीमों के बीच क्रिकेट के मैदान पर आपसी संबंध कभी सहज नहीं बन पाए।

इस प्रतिद्वंद्विता का एक और नजारा शनिवार को देखने को मिलेगा, जब माहेला जयवर्द्धने की फौज विश्व कप फाइनल में रिकी पोंटिंग की सेना से भिड़ेगी।

श्रीलंकाई टीम ने इंग्लैंड में 1975 विश्व कप में जब पहला कदम रखा तो उसे 'नई नवेली दुल्हन' की तरह शर्मीली और संभल-संभलकर कदम रखने वाली टीम माना गया। इस छवि में बदलाव 1988 में हुआ, जब अर्जुन राणातुंगा को कमान सौंपी गई।

पहली बार इस टीम ने आक्रामकता दिखाई जब ऑफ स्पिनर मुरलीधरन के एक्शन पर सवाल उठाने वाले अंपायर का राणातुंगा ने विरोध किया। श्रीलंकाई कप्तान और ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न के बीच कई मौकों पर हुए वाकयुद्घ भी सुर्खियों में रहे।

मुरली ने तो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटप्रेमियों के वैमनस्यपूर्ण व्यवहार के कारण वहाँ दौरा करने से ही मना कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया में मुरली जब भी गेंद फेंकने आते तो दर्शक दीर्घा से 'नो बॉल' की ध्वनि गूँजने लगती, जिससे इस गेंदबाज को कहना पड़ा कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटप्रेमियों ने उनका जीना दूभर कर दिया है।

ऑस्ट्रेलिया ने सुरक्षा कारणों से 1996 विश्व कप के दौरान श्रीलंका में खेलने से इंकार किया तो दोनों टीमों के आपसी संबंध बद से बदतर हो गए। श्रीलंकाई चुनौती को पूरी तरह नकार देना हालाँकि ऑस्ट्रेलिया के लिए मुमकिन नहीं था।

राणातुंगा की अगुआई में श्रीलंकाई चीतों ने 1996 विश्व कप फाइनल में अगले-पिछले सारे हिसाब चुकता करते हुए मार्क टेलर की ऑस्ट्रेलियाई टीम को सात विकेट से हराकर खिताब जीता था। उस समय भी श्रीलंका की जीत का किसी को अंदेशा नहीं रहा होगा।

इस जीत का श्रेय राणातुंगा के शातिर दिमाग को दिया गया, जिन्होंने अपने चारों स्पिनरों मुरली, कुमार धर्मसेना, सनथ जयसूर्या और अरविंद डिसिल्वा का बखूबी इस्तेमाल किया। डिसिल्वा ने तीन विकेट लेने के साथ शतक भी जमाया था।

ऑस्ट्रेलिया ने 2003 विश्व कप में बदला चुकाते हुए पोर्ट एलिजाबेथ में खेले गए सेमीफाइनल में श्रीलंका को 48 रन से हराया। उस टीम के छह खिलाड़ी जयवर्द्धने, जयसूर्या, कुमार संगकारा, चमिंडा वास, रसेल अर्नाल्ड और मुरलीधरन मौजूदा टीम में भी हैं।

वहीं ऑस्ट्रेलिया की मौजूदा टीम में भी ऐसे 6 खिलाड़ी हैं, जो उस मैच के साक्षी रहे थे। इनमें कप्तान रिकी पोंटिंग, मैथ्यू हैडन, एंड्रयू साइमंड्स, ब्रेड हॉग, एडम गिलक्रिस्ट और ग्लेन मैग्राथ शामिल हैं।