Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
सोमवार, 4 जून 2007 (03:07 IST)
विदेशी कोच नहीं चाहते जहीर अब्बास
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जहीर अब्बास ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अब विदेशी कोच से लगाव छोड़ देना चाहिए। एक किताब के विमोचन के बाद उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि भारत और पाकिस्तान दोनों को अपने ही देश के कोच रखने चाहिए। विदेशी कोचों पर ढेर सारा पैसा खर्च करने का कोई मतलब नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड फिर से नए कोच की तलाश में हैं और लग रहा है कि इस बाद दोनों किसी विदेशी को ही यह पद सौंपेंगे। बीसीसीआई ने ग्रेग चैपल का उत्तराधिकारी ढूंढने के लिए एक विशेष समिति गठित की है। बोर्ड ने फिलहाल बांग्लादेश दौरे के लिए रवि शास्त्री को भारतीय टीम के मैनेजर के रूप में चुना है।
पाकिस्तान भी विश्व कप के दौरान कोच बॉब वूल्मर की हत्या के बाद नए कोच की तलाश में है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कोच पद के विज्ञापन दिया है और वह न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान जॉन राइट के संपर्क में है, जो पहले भारतीय टीम के कोच भी रह चुके हैं।
श्रीलंका के कोच टॉम मूडी ऑस्ट्रेलियाई हैं जबकि बांग्लादेश की टीम को भी एक विदेशी डेव व्हाटमोर ही कोचिंग दे रहे थे। जहीर हालाँकि इस प्रचलन से प्रभावित नहीं है और इसे समाप्त चाहते हैं।
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने इस अवसर पर सचिन तेंडुलकर के आलोचकों को भी करारा जवाब दिया और कहा कि यह स्टार बल्लेबाजी अभी कुछ और समय तक खेलने में सक्षम है। तेंडुलकर को जीनियस करार देते हुए जहीर ने कहा कि आपके पास अब भी कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं है जो तेंदुलकर की जगह भर सके। पहले ऐसा खिलाड़ी तो ढूंढो।
अपनी शानदार बल्लेबाजी के कारण 'एशियाई ब्रैडमैन' के रूप में मशहूर जहीर ने पाकिस्तानी क्रिकेट के बारे में कहा कि टीम अब भी वूल्मर की हत्या के सदमे से उबर रही है। उन्होंने कहा वे अब भी सदमे में हैं और उन्हें इससे उबरने में थोड़ा समय लगेगा।
शोएब मलिक को कप्तान बनाने पर उन्होंने कहा कि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। आशा है कि टीम उसके नेतृत्व में अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी आस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ियों की तरह शारीरिक रूप से फिट नहीं हैं लेकिन श्रीलंका अपवाद है।
जहीर ने कहा कि श्रीलंका के चामिंडा वास, मुथैया मुरलीधरन और सनथ जयसूर्या उम्रदराज होने के बावजूद पूरी तरह फिट हैं, लेकिन भारत और पाकिस्तान के मामले में ऐसा नहीं कहा जा सकता।