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Written By भाषा
Last Modified: किंग्सटन , गुरुवार, 23 जून 2011 (14:59 IST)

माफी मांग सकते हैं गेल

माफी मांग सकते हैं गेल -
विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल और वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) के बीच लंबे समय से जारी विवाद आखिरकार समाप्त हो सकता है।

दरअसल खिलाड़ी संघ (डब्ल्यूआईपीए) के उपाध्यक्ष वावेल हिंड्स ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर गेल माफी मांग सकते हैं जिसके बाद बोर्ड ने इस बल्लेबाज को फिर से बैठक के लिए बुलाया है।

चौदह जून को बैठक में मतभेद नहीं सुलझ पाने के बाद गेल को भारत के खिलाफ जारी टेस्ट श्रृंखला के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया था।

यह विवाद तब शुरू हुआ था जब गेल ने क्रिकेट बोर्ड पर उसकी चोट की समस्याओं के समय इस बल्लेबाज को मझधार में ही छोड़ने का आरोप लगाया था।

तमाम तरह के बयानों के बाद क्रिकेट बोर्ड ने गेल को फिर से लिखा है, ‘14 जून की बैठक इसलिए नाकाम रही क्योंकि इसमें चर्चा हमारे बीच रचनात्मक समाधान निकालने पर ध्यान देने के बजाय बार-बार सतही मुद्दों पर जाती रही।’

क्रिकेट बोर्ड इर्नेस्ट हिलेयर के हवाले से क्रिकेट वेबसाइट ने कहा, ‘हालांकि बोर्ड वेस्टइंडीज क्रिकेट में आपके योगदान और वेस्टइंडीज टीम में आपके द्वारा दिए गए मूल्यों को स्वीकारता है और आपसे मुलाकात के लिए उपलब्ध है, आपको भी इसकी इच्छा होनी चाहिए ताकि हम इस मामले का कोई समाधान निकाल सकें। हमें आपसी समाधान पर चर्चा के लिए आपके जवाब का इंतजार है।’

इससे पहले हिंड्स ने कहा था कि गेल अपना पक्ष रखना चाहते हैं और माफी भी मांग सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘वह (गेल) ईमानदारी से अपने पर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं और अगर माफी मांगने की जरूरत पड़ी तो मुझे लगता है कि वह माफी मांगेंगे।’

हिंड्स ने कहा, ‘जहां उन्हें लगता है कि वह दृढ हैं और उनके पास अपने दावों के समर्थन में मजबूत सबूत हैं, वह उनके साथ खड़े होंगे। अगर उन्होंने कोई ऐसे दावे किए हैं जो थोड़े ज्यादा हैं, उसके लिए वह हाथ खड़े करने के लिए तैयार हैं और माफी मांगेंगे।’ क्रिकेट बोर्ड हालांकि खिलाड़ी संघ के अध्यक्ष दीनानाथ रामनारायण से अब भी खफा है जिन्होंने 14 जून की बैठक के दौरान कथित रूप से हिलेयर को धमकी दी थी।

बोर्ड ने बयान में कहा कि खिलाड़ी संघ को रामनारायण की ओर से सीईओ से इस बात के आश्वासन के साथ माफी मांगनी चाहिए कि भविष्य में कभी बैठक के दौरान वह शारीरिक या मौखिक रूप से धमकी नहीं देंगे। (भाषा)