गुरुवार, 17 जुलाई 2025
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Written By भाषा

भारत का टॉप ऑर्डर बुरी तरह फ्लॉप

पहली पारी में मेजबान टीम 161 रन पीछे

चेन्नई
दुनिया के सबसे मजबूत बल्लेबाजी क्रम के इंग्लैंड के तेज और स्पिन के मिश्रित आक्रमण के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखर जाने से भारत पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन यहाँ छह विकेट 155 रन पर गँवाने से बैकफुट पर पहुँच गया। भारत अभी भी मेहमान टीम से 161 रन पीछे है और उसके चार विकेट आउट होना शेष हैं।

बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग कही जाने वाली एमए चिदंबरम स्टेडियम की पिच एकदम से उनके लिए कब्रगाह बन गई लेकिन इसका कारण पिच कम और अनुशासित और उत्कृष्ट गेंदबाजी अधिक रही। इंग्लैंड ने सुबह पाँच विकेट गँवए और उसकी टीम 316 रन पर सिमट गई।

इसके बाद भारत ने केवल 102 रन पर शीर्ष क्रम के पाँच विकेट गँवा दिए। एकदिवसीय श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन करके टेस्ट टीम में वापसी करने वाले युवराजसिंह भी अपने जन्मदिन पर टीम को अच्छा तोहफा नहीं दे पाए और ऐसे में अब आस कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 24) पर टिकी है जिनके साथ दूसरे छोर पर हरभजनसिंह (नाबाद 13) खड़े हैं।

भारतीयों को करारे झटके ग्रीम स्वान ने दिए। अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे इस स्पिनर ने बेहतरीन आगाज किया और अपने पहले ओवर में ही गौतम गंभीर (19) और राहुल द्रविड़ (3) के कीमती विकेट लिए। इससे पहले जेम्स एंडरसन ने वीरेंद्र सहवाग को जल्द ही पैवेलियन भेजकर उन्हें चेपक पर पाँव नहीं जमाने दिए।

भारतीय स्कोर जब तीन विकेट पर 37 रन था तब सचिन तेंडुलकर (37) और वीवीएस लक्ष्मण (24) ने चौथे विकेट के लिए 61 रन की साझेदारी की लेकिन इन दोनों के लगातार ओवर में आउट होने से भारत फिर संकट से घिर गया।

इससे पहले भारतीय स्पिनर हरभजनसिंह और अमित मिश्रा ने तीन-तीन विकेट लेकर इंग्लैंड की पहली पारी लंच के बाद 37वें मिनट में समाप्त कर दी। युवराज और ईशांत शर्मा ने एक-एक विकेट लिए जबकि इंग्लैंड ने अंतिम पाँच विकेट 87 रन के अंतराल में गँवए। मैट प्रायर (नाबाद 53) ही भारत की अच्छी गेंदबाजी के सामने अकेले संघर्ष कर पाए।

अब भारतीयों की बारी थी। भारत की हाल की जीत में सहवाग और गंभीर से मिली शानदार शुरुआत का अहम योगदान रहा लेकिन यहाँ उनकी असफलता भारतीयों को गहरे संकट में डाल गई। इस साल के शुरू में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहाँ तिहरा शतक जड़ने वाले सहवाग ने छठे ओवर में एंडरसन की गेंद पर लांग ऑफ में चौका जमाया लेकिन तेजी से अंदर की तरफ आती अगली गेंद वह अपने विकेटों पर मार गए।

इंग्लैंड के कप्तान केविन पीटरसन ने इसके बाद धोनी की रणनीति का अनुसरण करते हुए पहले घंटे में ही स्पिनर को गेंद सौंप दी। उन्होंने चाय के विश्राम से कुछ मिनट पहले स्वान को पारी का 14वां ओवर करने के लिए दिया।

गंभीर ने स्वान की पहली गेंद कवर में चार रन के लिए भेजी। बाएँ हाथ का यह बल्लेबाज अगली गेंद पर तो विश्वसनीय अपील पर बच गया लेकिन तीसरी गेंद पर वह पगबाधा आउट हो गए।

तेंडुलकर ने अपने पसंदीदा मैदान पर तालियों की गूँज के बीच कदम रखा और आते ही एक रन लेकर अपना खाता खोला। इससे द्रविड़ के पास स्ट्राइक आ गई और ऑफ स्टंप से बाहर से टर्न लेती गेंद को आगे बढ़कर खेलने के प्रयास में पगबाधा आउट हो गए। इस तरह से भारतीय दीवार का खराब दौर बरकरार रहा।

तेंडुलकर ने स्वान की गेंद पर स्लाग स्वीप से छक्का जमाकर इंग्लैंड के खिलाफ 2000 रन पूरे किये। वह सुनील गावस्कर के बाद यह कारनामा करने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं। इसके बाद उन्होंने हार्मिसन की गेंद पर लगातार चौके लगाए।

दूसरी तरफ लक्ष्मण ने उनका बखूबी साथ दिया और केवल ढीली गेंदों पर प्रहार किया। एक समय लग रहा था कि ये दोनों बल्लेबाज टीम को संकट से बाहर निकालने में सफल रहेंगे तभी मोंटी पनेसर ने लक्ष्मण को जबकि एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने तेंडुलकर को अपनी ही गेंदों पर कैच करके स्टेडियम में सन्नाटा फैला दिया।

लक्ष्मण ने पनेसर की गेंद पर ड्राइव करने की कोशिश की लेकिन वह उनके बल्ले से लगकर वापस गेंदबाज के पास पहुँच गई। बल्लेबाज ही नहीं मैदान में किसी को यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा कैसे हुआ। लक्ष्मण ने अपनी 60 गेंद की पारी में तीन चौके लगाये।

पीटरसन ने तुरंत फ्लिंटॉफ को गेंदबाजी पर लगाया और तेंडुलकर ने आफ स्टंप से बाहर जाती उनकी पहली गेंद पर ढीला शाट खेला और गेंदबाज ने अपने फालोथ्रू में आसान कैच लपका। तेंडुलकर ने केवल 48 गेंद खेली और चार चौके और एक छक्का जमाया।

युवराज ने आते ही चौका जमाया लेकिन धोनी उनके तुलना में अधिक सहज होकर खेले। आज अपना 27वां जन्मदिन मना रहे युवराज स्टंप उखड़ने से एक ओवर पहले आउट हुए। पीटरसन ने फिर गेंदबाजी में बदलाव किया और युवराज को उनकी बाहर जाती गेंद खेलने की बेमतलब कोशिश का करारा खामियाजा भुगतना पड़ा।

फ्लिंटॉफ को दूसरी स्लिप में कैच लेने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी। वन-डे श्रृंखला में दो शतक जमाने वाला बाएँ हाथ का यह बल्लेबाज केवल 14 रन बना पाया।

इससे पहले इंग्लैंड ने सुबह के सत्र में फ्लिंटाफ (18), एंडरसन (19) और स्वान (1) के विकेट गँवाए। सुबह पाँच विकेट पर 229 रन से आगे खेलने उतरे इंग्लैंड ने जल्द ही फ्लिंटाफ का विकेट गँवा दिया। धोनी ने ई गेंद नहीं लेने का फैसला करके हुए मिश्रा को गेंद थमाई, जिनकी धीमी गेंद ने फ्लिंटाफ के बल्ले का अंदरूनी किनारा लिया और फारवर्ड शार्ट लेग पर गंभीर ने शानदार कैच लपका।

एंडरसन भी मिश्रा की गेंद को उठाकर मारने के प्रयास में मिडविकेट पर युवराज सिंह को कैच दे बैठे। हरभजन ने इसके बाद स्वान को द्रविड़ के हाथों कैच कराकर पैवेलियन भेजा। आखिर के दो विकेट हार्मिसन और पनेसर को क्रमश: युवराज और ईशांत ने आउट किया।

भारत-इंग्लैंड टेस्ट का ऑनलाइन स्कोरकार्ड