पूरे मैच में भारत हावी रहा
वेबदुनिया विश्लेषण भारत और श्रीलंका के बीच दाम्बुला वनडे में भारत की एकतरफा जीत से दोनों टीमों के बीच फर्क साबित हो गया। हालाँकि श्रीलंका टीम पलटवार में माहिर है और सिर्फ एक मैच जीत लेने से भारतीय टीम श्रेष्ठ नहीं हो जाती, लेकिन जिस तरह से पूरे मैच में भारतीय टीम हावी रही, उससे लंका टीम अपनी रणनीति बदलने पर विचार करेगी।दाम्बुला में टीम इंडिया ने श्रीलंका को खेल के हर विभाग में मात दी और छह विकेट के अंतर से मिली हार श्रीलंका के आत्म मंथन के लिए काफी होगी। मुथैया मुरलीधरन और अजंथा मेंडिस ने मिलकर 'एम' फेक्टर को ईजाद किया, लेकिन इस मैच में गौतम गंभीर, सुरेश रैना और कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने मिलकर 'एम' फेक्टर को बेअसर किया। गंभीर शुरू से ही मुरली और मेंडिस को विश्वास से खेल रहे हैं। रैना के आक्रामक अंदाज ने श्रीलंकाई गेंदबाजों को ज्यादा प्रयोगवादी नहीं होना दिया, जिससे भारत को लक्ष्य पाने में आसानी हुई। वास्तव में रैना-गंभीर की साझेदारी ने ही श्रीलंका के हौसले पस्त कर दिए।धोनी ने एक बार फिर संयम और आक्रमकता की मिसाल पेश करते हुए बेहतरीन फिनिशर की भूमिका निभाई। वैसे टॉस जीत लेने के बाद किसी भी कप्तान के लिए दाम्बुला पर बिना देर किए गेंद थामने का फैसला ही सही है। भारतीय गेंदबाजों ने श्रीलंका को 250 रनों के स्कोर के अंदर रखकर कप्तान को सही साबित किया।सनथ जयसूर्या की उम्र के साथ उनका बल्लेबाजी कौशल भी बढ़ रहा है। उनका 28वाँ एकदिवसीय शतक यादगार रहा, लेकिन दूसरे छोर पर कोई खास सपोर्ट उन्हें नहीं मिला। जयसूर्या फिलहाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं, लेकिन टीम के लिए उनकी उपयोगिता लगातार बढ़ रही है।अब श्रृंखला के सभी मैच कोलम्बो में होंगे और यहाँ माहौल बिलकुल अलग होगा। भारतीय टीम को एक नए मैदान पर, नए मैच में श्रीलंका से कड़ी टक्कर मिलेगी।