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Written By भाषा
Last Modified: ब्रिजटाउन (भाषा) , सोमवार, 4 जून 2007 (03:03 IST)

ठोकर के बाद संभलने में माहिर हैं पंटर'

ठोकर के बाद संभलने में माहिर हैं पंटर'' -
कप्तान रिकी पोंटिंग की अगुवाई में वह ऑस्ट्रेलियाई टीम विश्व कप के लिए पहुँची जो न्यूजीलैंड के हाथों पिटने के बाद अपने घाव सहला रही थी, लेकिन 'पंटर' के उपनाम से मशहूर दुनिया की नम्बर एक टीम के इस कप्तान ने साबित किया कि वह हर ठोकर के बाद संभलने में माहिर हैं।

कामनवेल्थ बैंक श्रृंखला के फाइनल में इंग्लैंड से मात और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से मिली करारी हार। विश्व कप से पहले इस विश्व विजेता टीम को हल्के में आँकने के कई कारण मिल गए थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने दिखा दिया कि प्रदर्शन में निरंतरता लाने के लिए उसे ज्यादा वक्त की दरकार नहीं होती।

क्रिकेट महासमर से पहले पोंटिंग की कप्तानी में टीम ने ठोकर खाई और जल्द ही संभल भी गई। विश्व कप में अब तक कंगारूओं का विजयरथ रोकने की जुर्रत कोई टीम नहीं कर सकी है। अब ऑस्ट्रेलिया और ट्रॉफी के दरमियान केवल श्रीलंका खड़ा है।

वर्ष 1990 में मैदान से बाहर के विवाद पोंटिंग को आलोचना के घेरे में लाए और 2005 में इंग्लैंड ने एशेज श्रृंखला जीतकर उनकी मुश्किलों में इजाफा किया। लेकिन 'पंटर' आसानी से हार नहीं मानता। इस बार एशेज ऑस्ट्रेलिया में हुई और घरेलू माहौल का फायदा उठाते हुए पोंटिंग की टीम ने अंग्रेजों को 5-0 से धो डाला।