Last Modified: दुबई (वार्ता) ,
रविवार, 3 जून 2007 (12:32 IST)
जिम्बॉब्वे की टेस्ट वापसी को तगड़ा झटका
जिम्बॉब्वे की टेस्ट बिरादरी में लौटने की उम्मीदों को उस वक्त करारा झटका लगा, जब सुनील गावसकर की अगुवाई वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की नवनियुक्त समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि उसका प्रदर्शन अभी टेस्ट मानकों पर खरा नहीं उतरता।
इस सप्ताह यहां आयोजित अपनी बैठक में समिति ने कहा कि जिम्बॉब्वे को टेस्ट बिरादरी में तब तक वापिस नहीं लाया जाना चाहिए जब तक वह यह साबित नहीं कर दे कि उसके प्रदर्शन से टेस्ट क्रिकेट के मापदंड में गिरावट नहीं आएगी।
समिति ने आगे कहा कि जिम्बॉब्वे को आईसीसी के पूर्ण सदस्यों और अन्य ज़ुडे सदस्यों की 'ए' टीमों के साथ चार दिवसीय मैचों के अभ्यास जारी रखने चाहिए और इसके लिए उसे उदाहरण के तौर आईसीसी अंतरमहाद्वीपीय कप में शामिल किया जाना चाहिए। समिति ने कहा कि इन्हीं मैचों के आधार पर जिम्बॉब्वे के खेल मापदंडों को परखा जा सकता है।
हालाँकि समिति की सिफारिशों को जून के अंत में लंदन में आईसीसी की कार्यकारी समिति में विचार-विमर्श होना अभी बाकी है, लेकिन भारत के पूर्व कप्तान गावसकर के नेतृत्व वाली समिति की सिफारिशों ने जिम्बॉब्वे के लिए स्थिति और मुश्किल कर दी है।
जिम्बॉब्वे ने पहली बार 2004 में टेस्ट क्रिकेट से खुद को निलंबित कर लिया था। इसके बाद उन्होंने जनवरी 2005 में वापसी की और जनवरी 2005 में फिर से टेस्ट बिरादरी से बाहर होने से पहले आठ मैच खेले। इनमें से एक मैच ड्रॉ रहा था जबकि बाकी सभी में उसे भारी अंतर से पराजय का सामना करना पड़ा था।