Last Modified: मेलबोर्न (भाषा) ,
सोमवार, 4 जून 2007 (02:59 IST)
जयवर्द्धने ने खेला गांगुली का दांव
बारबडोस में शनिवार को खेले जाने वाले विश्व कप फाइनल से ठीक पहले श्रीलंका के कप्तान माहेेला जयवर्द्धने ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को पशोपेश में डालने के लिए सौरव गांगुली का दांव अपनाया है।
यहाँ की एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विश्व कप फाइनल के प्रचार के लिए जयवर्द्धने को ऑस्ट्रेलियाई कप्ताान और चमचमाती ट्रॉफी के साथ फोटोशूट में हिस्सा लेना था, लेकिन वह इस कार्यक्रम में एक घंटे देरी से पहुँचे जिसके कारण पोंटिंग की त्योरियाँ चढ़ गई।
'द एज' के मुताबिक पोंटिंग को अपनी टीम के साथ सेंट लूसिया से बारबडोस के लिए रवाना होना था, इसके बावजूद उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए वक्त निकाला। रिपोर्ट में कहा गया है कि जयवर्द्धने के वहाँ पहुँचने पर पोंटिंग ने उनसे सवाल किया क्या आप थोड़ी देर से आए हैं? जवाब में संचार में गड़बड़ी और टैफिक जाम पर मढ़ते हुए जयवर्द्धने ने कहा मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता सच में।
रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जयवर्द्धने की लेटलतीफी से नाराज थे। ऑस्ट्रेलियाई टीम से जुड़े एक सूत्र ने कहा इतना सफर करने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को बीच पर सौ मीडिया दलों के बीच एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान गांगुली ने वर्ष 2001 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे के वक्त कई बार टॉस के लिए स्टीव वॉ को इंतजार कराया था, जो उस वक्त कंगारू टीम के कमान संभाले थे। गांगुली के इस दांव से वॉ काफी नाराज भी हुए थे।
कल खिताबी मुकाबले में भिड़ने जा रहे ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच तनातनी 1995 से चली आ रही है जब ऑस्ट्रेलियाई अम्पायर डेरल हेयर ने कहा था कि मुथैया मुरलीधरन गेंद चर्कं करते हैं।
इसके अलावा विश्व कप के सुपर आठ चरण में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने मैच में चामिंडा वास, मुरलीधरन और लासिथ मलिंगा को आराम देने की रणनीति अपनाई, जिसने कंगारूओं को पसोपेश में डाला।
-- कप्तान रिकी पोंटिंग की अगुवाई में वह ऑस्ट्रेलियाई टीम विश्व कप के लिए पहुँची जो न्यूजीलैंड के हाथों पिटने के बाद अपने घाव सहला रही थी, लेकिन 'पंटर' के उपनाम से मशहूर दुनिया की नम्बर एक टीम के इस कप्तान ने साबित किया कि वह हर ठोकर के बाद संभलने में माहिर हैं।
कामनवेल्थ बैंक श्रृंखला के फाइनल में इंग्लैंड से मात और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से मिली करारी हार। विश्व कप से पहले इस विश्व विजेता टीम को हल्के में आँकने के कई कारण मिल गए थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने दिखा दिया कि प्रदर्शन में निरंतरता लाने के लिए उसे ज्यादा वक्त की दरकार नहीं होती।
क्रिकेट महासमर से पहले पोंटिंग की कप्तानी में टीम ने ठोकर खाई और जल्द ही संभल भी गई। विश्व कप में अब तक कंगारूओं का विजयरथ रोकने की जुर्रत कोई टीम नहीं कर सकी है। अब ऑस्ट्रेलिया और ट्रॉफी के दरमियान केवल श्रीलंका खड़ा है।
वर्ष 1990 में मैदान से बाहर के विवाद पोंटिंग को आलोचना के घेरे में लाए और 2005 में इंग्लैंड ने एशेज श्रृंखला जीतकर उनकी मुश्किलों में इजाफा किया। लेकिन 'पंटर' आसानी से हार नहीं मानता। इस बार एशेज ऑस्ट्रेलिया में हुई और घरेलू माहौल का फायदा उठाते हुए पोंटिंग की टीम ने अंग्रेजों को 5-0 से धो डाला।