ओह...! सचिन तुमने ये क्या कर डाला...
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर 94 रन पर पहुंच चुके थे। इंतजार की घडियां बस खत्म ही होने जा रही थीं। महाशतक तक पहुंचने के सिर्फ 6 रन की दरकरार थी कि तभी रवि रामपाल की एक गेंद सचिन के बल्ले का किनारा लेते हुए जैसे ही दूसरी स्लिप में डेरेन सैमी के हाथों में समाई, तो करोड़ों प्रशंसकों के मुंह से एक ही आह निकली...ओह! सचिन.. तुमने ये क्या कर डाला। सचिन जैसे ही आउट हुए वानखेड़े स्टेडियम में बैठे दर्शकों, टीवी पर इस मैच का प्रसारण देख रहे और रेडियो पर कमेंट्री सुन रहे मास्टर ब्लास्टर के करोडों प्रशंसकों ने दोनों हाथों से अपना सिर थाम लिया। उस समय तो जैसे जिंदगी एक पल के लिए ठहर ही गई। लोग विश्वास ही नहीं कर पा रहे थे कि सचिन 94 रन पर आउट होकर एक बार फिर महाशतक से दूर रह गए...। सचिन का विकेट लेते ही रामपाल ने मुट्ठियों से अपनी छाती ठोंककर खुशी का इजहार किया और बाकी कैरेबियाई खिलाड़ियों ने उन्हें गले लगा लिया। सचिन खुद भी कुछ पलों के लिए सकते में आ गए और फिर जैसे ही उन्हें यह भान हुआ कि उनका विकेट गिर चुका है वह अपना बल्ला बगल में दबाकर पैवेलियन की ओर चल पड़े। मास्टर ब्लास्टर ने सुबह जब 67 रन से आगे खेलना शुरू किया तो वह बहुत शानदार अंदाज में खेल रहे थे। उनके सभी स्ट्रोक खूबसूरत लय के साथ निकल रहे थे और जैसे ही उन्होंने 90 रनों का आंकड़ा पार किया, टीवी चैनलों में सुर्खिया आनी शुरू हो गईं थी कि सचिन महाशतक के करीब। लेकिन जैसे ही वह आउट हुए तो चैनलों में अपनी अपनी तरफ से विश्लेषण चालू हो गया कि क्या मास्टर ब्लास्ट एक बार फिर दबाव के शिकार हो गए थे? यह वाकई हैरत की बात थी कि इतना अच्छा खेलने के बाद 'नर्वस नाइंटीज' का भूत एक बार फिर उन्हें ले डूबा। सचिन पिछले इंग्लैंड दौरे में ओवल में खेले गए आखिरी टेस्ट में भी 91 रन पर आउट हुए थे और यहां वह उससे तीन रन आगे जाकर 94 रन पर आउट हो गए। वानखेडे के इसी मैदान में सचिन ने दो अप्रैल को विश्वकप ट्रॉफी उठाकर अपने जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा किया था लेकिन अपने गृहनगर में वह महाशतक पूरा करने का सपना साकार नहीं कर पाए। पूर्व भारतीय कप्तान अजीत वाडेकर ने कल ही कहा था कि सचिन के भाग्य में महाशतक मुंबई में ही लिखा था लेकिन इसे भाग्य की विडम्बना ही कहा जाएगा कि वह महाशतक से मात्र 6 रन दूर रह गए। मास्टर ब्लास्टर पिछली 16 पारियों से एक अदद की शतक की तलाश में भटक रहे हैं लेकिन उनकी यह तलाश पूरा होने का नाम ही नहीं ले रही। सचिन ने अपना 99वां शतक विश्वकप में बनाया था। उसके बाद से विश्वकप की चार पारियां, इंग्लैंड दौरे की आठ पारियां, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई टेस्ट की अब तक की चार पारियों में भाग्य जैसे उनसे रूठा हुआ है वरना शतक बनाने में विश्व रिकॉर्डधारी सचिन इस तरह नर्वस नाइंटीज के शिकार नहीं होते। यह बात जरूर है कि कहीं न कहीं इस विराट उपलब्धि को हासिल करने का दबाव अंतिम क्षणों में उन पर हावी हो जाता है। वह रामपाल की जिस गेंद पर आउट हुए, उसे वह बेहद आराम से खेल सकते थे लेकिन एक महत्वाकांक्षी ड्राइव लगाने की कोशिश में और जल्द से जल्द महाशतक पूरा करने की हड़बड़ी में वह कैच दे बैठे। उनके आउट होते ही कमेंटेटर के मुंह से भी निकला था कि उन्होंने जल्दबाजी में यह शॉट खेल दिया। सचिन वानखेड़े में आउट होकर बुझे मन से पैवेलियन लौट रहे थे। स्टेडियम में बैठे हजारों दर्शकों ने दोनों हाथों से अपना सिर थाम रखा था और पूरा देश सिर्फ एक ही चर्चा में डूबा हुआ था कि आखिर कब जाकर बनेगा महाशतक? (वार्ता)