Last Modified: पुणे (भाषा) ,
बुधवार, 13 जून 2007 (16:38 IST)
उम्र के अंतर का काम पर असर नहीं-बोर्डे
भारतीय क्रिकेट टीम के नवनियुक्त मैनेजर चंदू बोर्डे ने बुधवार को इन अटकलों को खारिज किया कि खिलाड़ियों से उम्र का फासला उनके काम में आड़े आ सकता है।
आम तौर पर कम बोलने वाले मृदुभाषी 72 वर्षीय बोर्डे ने कहा कि पता नहीं कौन ये मुहिम चला रहा है, लेकिन लगता है कि कुछ लोगों का निहित स्वार्थ इससे जुड़ा़ है।
पूर्व टेस्ट कप्तान और चयन समिति के प्रमुख बोर्डे ने कहा कर्नल सीके नायडू और हेमू अधिकारी इस बात के उदाहरण हैं कि फिटनेस के मामले में उम्र आड़े नहीं आती। मैं अभी भी खेल से सक्रिय तौर पर जुड़ा़ हूँ और एमसीए की अंडर 19 टीम को कोचिंग दे रहा हूँ। मैनेजर और खिलाड़ियों के बीच उम्र के अंतर की बात एकदम अप्रासंगिक है।
यह पूछने पर कि आगामी इंग्लैंड दौरे के लिए रणनीति बनाते समय वह किन चीजों को आधार बनाएँगे उन्होंने कहा कि बहुत कुछ इस पर निर्भर करता है कि हम इंग्लैंड के हालात में खुद को कितना ढाल पाते हैं और विकेट कैसा रहता है।
भारतीय टेस्ट टीम के साथ दो बार इंग्लैंड का दौरा कर चुके बोर्डे ने कहा कि दोनों कोचों वेंकटेश प्रसाद और राबिन सिंह तथा सीनियर खिलाड़ियों से मशविरे के बाद ही रणनीति तय की जाएगी।
यह पूछने पर कि क्या सीनियर खिलाड़ियों से तालमेल बिठाने में उन्हें दिक्कत आने की आशंका है बोर्डे ने ठहाका लगाया। उन्होंने कहा कि मैं बोर्ड की चयन समिति का अध्यक्ष रहा हूँ और ज्यादातर सीनियर खिलाड़ी मेरे द्वारा ही चुने गए हैं। मुझे यकीन है कि लक्ष्य हासिल करने की दिशा में हमारा बेहतरीन तालमेल होगा।
बोर्डे ने कहा कि अब मुझे इस नियुक्ति को लेकर बीसीसीआई के औपचारिक पत्र का इंतजार है जिसमें मेरे कार्यभार का ब्योरा रहेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड की घोषणा से पहले बीसीसीआई प्रमुख शरद पवार ने उन्हें फोन करके उनकी उपलब्धता के बारे में पूछा था।