अब भी नंबर एक है टीम इंडिया:सचिन
ट्वेंटी-20 विश्व कप में शर्मनाक प्रदर्शन के कारण आलोचना झेल रही भारतीय टीम का बचाव करते हुए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने कहा कि टीम इंडिया 'अब भी नंबर एक' है।गैर क्रिकेट समारोह के लिए चंडीगढ़ आए सचिन ने 'एनडीटीवी' से टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहने वाली धोनी एंड कंपनी का समर्थन करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को केवल बाउंसर और शॉर्ट पिच गेंदों को खेलने का ज्यादा अभ्यास करने की जरूरत है। सचिन के मुताबिक भारतीय टीम को सुधार पर जोर देना चाहिए और कमजोरियों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी सहित पूरी टीम की वेस्टइंडीज में टी-20 विश्व कप में खराब क्रिकेट खेलने और मैदान में कई विवादास्पद निर्णय लेने के कारण आलोचना की जा रही है।इस आईपीएल के तीसरे सत्र में बेहतरीन बल्लेबाजी करने वाले सचिन तेंडुलकर अंतरराष्ट्रीय ट्वेंटी-20 क्रिकेट से पहले ही संन्यास ले चुके हैं और उनका इस प्रारूप में लौटने का कोई इरादा नहीं है। इस विश्व कप के दौरान भी टीम ने उनकी कमी महसूस की।तेंडुलकर ने कहा कि आईपीएल में हम मुंबई इंडियंस की तरफ से बढ़िया खेले, लेकिन फाइनल में चीजें हमारे अनुकूल नहीं रहीं, इसलिए यह किसी के साथ भी हो सकता है। मैं सिर्फ यही कह सकता हूँ कि खिलाड़ियों को समर्थन की जरूरत है, ताकि वे दोबारा नई शुरूआत कर सकें और बेहतर परिणाम दे सके। तेंडुलकर को लोगों के गुस्से में कोई बुराई नहीं दिखती, लेकिन उन्हें लगता है कि प्रशंसकों को सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए।उन्होंने कहा मैं जानता हूँ कि यह निराशाजनक है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है और यह अंतिम बार भी नहीं होगा। क्रिकेट उतार-चढ़ाव का खेल है। हमें देखना होगा कि हम कैसे बेहतर हो सकते हैं। तेंडुलकर ने कहा बाधाएँ तो आती रहती हैं, क्रिकेट में नहीं बल्कि जिंदगी में भी। हमें सिर्फ समाधान के बारे में सोचने की जरूरत है। हमें सकारात्मक रहना चाहिए और सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय खिलाड़ी टूर्नामेंट में थके हुए लग रहे थे क्योंकि उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने के बाद आराम नहीं मिला और यहाँ तक की धोनी ने खुद कहा था कि मैच के बाद पार्टियों और यात्रा करने का असर खिलाड़ियों के शरीर पर पड़ा है। तेंडुलकर हालाँकि वेस्टइंडीज में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए आईपीएल को दोषी ठहराने के लिए तैयार नहीं हैं।उन्होंने कहामेरा मतलब है कि इसमें फायदा और नुकसान दोनों होता है, आप इसे किस तरह देखते हो, यह आप पर निर्भर होता है। मेरे विचार से मुझे लगता है कि आईपीएल से खराब फॉर्म में चल रहे क्रिकेटरों को फॉर्म में वापसी का बढ़िया मौका मिला।भारतीय बल्लेबाजों की शॉर्ट पिच गेंदबाजों नहीं खेल पाने की कमी वेस्टइंडीज में साफ उजागर हो गयी है और तेंडुलकर ने भी स्वीकार किया है कि यह टीम की कमजोरी है। तेंडुलकर ने कहा कि खिलाड़ियों ने शॉर्ट पिच गेंदों खेलने का प्रयास जरूर किया लेकिन लगता है कि वे कामयाब नहीं हो पाए। मुझे यकीन है कि टीम इस कमजोरी को जल्दी ही दूर करने का प्रयास करेगी। शॉर्ट पिच गेंदों को खेलने का एक तरीका होता है। मुझे विश्वास है कि इस कमजोरी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।गौतम गंभीर की कमजोर फॉर्म के बारे में तेंडुलकर ने कहा कि पिछले साल वह जबरदस्त फॉर्म में थे लेकिन इस साल उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं। क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और ऐसा होता रहता है। तेंडुलकर को टीम से कोई शिकायत नहीं है उनका मानना है कि टीम ने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया।इस महान बल्लेबाज ने भविष्य की ओर देखने की सलाह देते हुए कहा अब टीम का लक्ष्य अगले साल विश्व जीतना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम 2011 का विश्व कप जीतना चाहते है और पूरे देश का यही सपना है। हमें अपनी कमजोरियों पर पार पाकर मजबूती से आगे बढ़ना होगा।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 93 शतक जमाने वाले तेंडुलकर ने कहा कि वह क्रिकेट रिकॉर्डो का पीछा नहीं कर रहें है बल्कि क्रिकेट का लुत्फ उठा रहे है। उन्होंने कहा कि मै कभी भी रिकॉर्ड की गिनती नहीं करता हूँ। मै इसे केवल टीम के लिए अपनी तरफ योगदान मानता हूँ।एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी फिटनेस का राज यह है कि वे बेहद अनुशासन में रहते हैं। अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखते हैं। सचिन ने कहा कि हर व्यक्ति को अनुशासन में रहना चाहिए। यदि वह ऐसा करता है तो सदैव तंदरुस्त रहेगा। (भाषा/वेबदुनिया)