बाउंड्री बड़ी होने पर गेंद को फ्लाइट करा सकते हैं : युजवेंद्र चहल
नागपुर। युवा लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि वीसीए स्टेडियम जैसे बड़े मैदानों पर गेंदबाज के पास गेंदों को फ्लाइट कराने का अधिक मौका होता है जिससे बल्लेबाज को चकमा दिया जा सके।
इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी-20 मैच में प्रभावी प्रदर्शन करने वाले चहल ने कहा कि बड़े मैदानों से फर्क पड़ता है। आप गेंद को फ्लाइट करा सकते हैं। ऐसे में बल्लेबाज के जेहन में भी सवाल उठते हैं कि किस गेंद को पीटना है और किसे छोड़ना है? छोटे मैदानों पर बल्लेबाज हर गेंद को पीटने की कोशिश करते हैं। वीसीए स्टेडियम की बाउंड्री 75 गज की है, जो कानपुर से 10 गज बड़ी है।
चहल ने कहा कि कानपुर मैच में इंग्लैंड के बल्लेबाज जब गेंदबाजों को पीट रहे थे, तब भी उनका आत्मविश्वास नहीं टूटा। हमने गेंदबाजी रणनीति पर बात नहीं की है लेकिन जिस तरीके से उन्होंने पिछले मैच में बल्लेबाजी की, उससे गेंदबाजों को एक सकारात्मक पक्ष मिला है कि वे हर गेंद को पीटने की कोशिश करेंगे। मुझे पहली गेंद पर छक्का लगाया लेकिन फिर मैंने रॉय का विकेट लिया।
उन्होंने स्वीकार किया कि कानपुर में पहला ओवर डालने से पहले वे नर्वस थे तथा जिम्बाब्वे में श्रृंखला के बाद यह मेरी पहली श्रृंखला थी और वह भी अपनी सरजमीं पर। मैं शुरू में नर्वस था लेकिन पहला ओवर डालने के बाद आत्मविश्वास बढ़ा। भारत में हमेशा मैदान खचाखच भरे रहते हैं और थोड़ा दबाव रहता है, लेकिन बाद में हालात बेहतर हो गए। (भाषा)