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Written By WD Sports Desk
Last Modified: गुरुवार, 19 दिसंबर 2024 (18:56 IST)

टूर्नामेंटों में ज्यादा खिलाड़ियों के साथ टीम भेजने के बारे में सीएसी से बात कर रहा हूं: रोहन जेटली

Rohan Jaitley
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) के अध्यक्ष चुनाव में बड़ी जीत के बाद रोहन जेटली ने क्रिकेट सलाहकार समिति (Cricket Advisory Committee) से विवरण मांगा है कि बीसीसीआई आयु-समूह के विभिन्न टूर्नामेंटों के लिए खिलाड़ियों की बड़ी संख्या के साथ दिल्ली की टीमों को क्यों भेजा जा रहा है।
 
  दिवंगत राजनेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) के बेटे 35 वर्षीय रोहन को 1,577 वोट मिले, जबकि उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और पूर्व भारतीय खिलाड़ी कीर्ति आजाद (Kirti Azad) को 777 वोट मिले।  
 
 आधिकारिक तौर पर कार्यभार संभालने के बाद रोहन ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि विभिन्न आयु वर्ग के आयोजनों के लिए 25 से 30 तक की संख्या में बड़ी टीमें भेजी गई हैं।
 
क्रिकेट सलाहकार समिति में भारत के पूर्व खिलाड़ी गुरशरण सिंह और निखिल चोपड़ा शामिल हैं।
 
जेटली ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ जब मुझे पता चला कि इतने सारे खिलाड़ी यात्रा  कर रहे हैं तो मैंने क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से बात की। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि मामले पर गौर किया जा रहा है।’’
 
 जेटली ने एक हाई परफॉर्मेंस सेंटर (एचपीसी) का वादा किया जहां खिलाड़ियों को एक मजबूत प्रतिभा पहचान प्रणाली से चुना जाएगा।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ हम एक हाई परफॉर्मेंस सेंटर (एचपीसी) की उम्मीद कर रहे हैं जहां हमारे प्रतिभा पहचान करने वालों द्वारा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।’’
 
रोहन ने कहा, ‘‘हम अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं और जमीनी स्तर पर विशेष रूप से स्कूल स्तर के क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करते हैं।’’
 
उन्होंने मौजूदा फिरोज शाह कोटला के अलावा दिल्ली में एक नया स्टेडियम स्थापित का महत्वाकांक्षी दावा किया, लेकिन यह नहीं बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के किस हिस्से में इतने बड़े स्टेडियम के लिए जमीन खाली है।
 
चुनावों से पहले आजाद ने डीडीसीए में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाये थे लेकिन जेटली ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह तीन साल से चुप क्यों थे , चुनाव से एक महीने पहले ही उन्होंने आरोप लगाना क्यों शुरू किया।
 
जेटली ने कहा, ‘‘ अगर कोई समस्या या विसंगति थी तो पिछले तीन साल में इन्हें क्यों नहीं उठाया गया? आपको 30 दिन पहले चुनाव को ध्यान में रखकर ऐसे मुद्दे नहीं उठाने चाहिये जो अस्तित्व में ही नहीं थे।’’
 
उन्होंने कहा कि अगर आजाद उनकी समिति की मदद करने के इच्छुक हैं तो वह हमेशा उनके सुझाव का स्वागत करेंगे। (भाषा) 
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