नई दिल्ली। पिछले चार साल में बहुत कुछ बदल चुका है और विराट कोहली क्रिकेट जगत में बल्लेबाजी के बादशाह बन चुके हैं, यही वजह है कि उनके बचपन के कोच राजकुमार शर्मा को लगता है कि इंग्लैंड के खिलाफ एक अगस्त से शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में भारतीय कप्तान के बल्ले को रोकना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा।
भारतीय टीम जब 2014 में इंग्लैंड दौरे पर गई तो कोहली ने पांच मैचों की दस पारियों में 13.40 की औसत से केवल 134 रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर 39 रन रहा। इंग्लैंड दौरे का जिक्र आने पर ही यह प्रदर्शन कोहली पर साया बन जाता है लेकिन शर्मा ने कहा कि यह स्टार बल्लेबाज उस दौरे को भूल चुका है।
शर्मा ने कहा कि लोगों को लगता है कि विराट को कुछ साबित करना है लेकिन अब विराट को कुछ साबित नहीं करना है। वह चार साल पुराना वाक्या है और वह उसे भूल चुका है। उसके बाद उसने काफी कुछ हासिल किया है और वह पूरी तरह से बदला हुआ खिलाड़ी बन गया है।
इंग्लैंड के उस दौरे के बाद कोहली ने दुनिया भर में अपनी बल्लेबाजी का डंका बजवाया। उन्होंने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और श्रीलंका में सैकड़े जड़े। असल में 2014 के इंग्लैंड दौरे के बाद कोहली ने जो 37 टेस्ट मैच खेले उनमें 64.89 की औसत से 3699 रन बनाए जिसमें 15 शतक शामिल हैं।
कोहली को क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता शर्मा ने कहा, अब उन पर किसी तरह का दबाव नहीं है और उन्हें किसी को कुछ साबित भी नहीं करना है। वह बहुत सकारात्मक सोच के साथ इस श्रृंखला में उतर रहा है। एक श्रृंखला किसी भी खिलाड़ी की खराब हो जाती है। उसके बाद तो विराट ने बहुत ही बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
वर्तमान श्रृंखला में कोहली और जेम्स एंडरसन के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है। इंग्लैंड के पिछले दौरे में एंडरसन ने चार बार कोहली को पवेलियन की राह दिखाई थी लेकिन इसके बाद 2016 में जब इंग्लैंड की टीम भारतीय दौरे पर आई तो कोहली के सामने एंडरसन पूरी तरह से नाकाम रहे और भारतीय कप्तान को एक बार भी आउट नहीं कर पाए।
कोहली ने इस श्रृंखला के पांच मैचों में 109.16 की औसत से 655 रन बनाए थे जिसमें दो शतक भी शामिल थे। शर्मा ने कहा कि कोहली पर एंडरसन का दबाव नहीं है।
शर्मा ने कहा कि कोहली अभी एंडरसन का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। जब एंडरसन भारतीय दौरे पर आए थे तो कोहली ने उनके खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाजी की थी। उन्होंने मुंबई में दोहरा शतक भी बनाया था। मैं वह मैच देख रहा था और वह सहजता से एंडरसन का सामना कर रहे थे। निसंदेह एंडरसन बेहतरीन गेंदबाज है लेकिन विराट पर किसी तरह का दबाव नहीं है। वह एंडरसन के बारे में नहीं सोच रहे हैं।
कोहली का लक्ष्य असल में इंग्लैंड में श्रृंखला जीतने पर लगा है। भारत ने इंग्लैंड में आखिरी श्रृंखला 2007 में राहुल द्रविड़ की अगुवाई में जीती थी। इसके बाद 2011 और 2014 में उसे हार का सामना करना पड़ा था। शर्मा ने कहा कि विराट खुद के प्रदर्शन से ज्यादा टीम की जीत पर ध्यान लगाए हुए है। उस पर रन बनाने का दबाव नहीं है बल्कि वह चाहता है कि टीम श्रृंखला जीते।
पूर्व रणजी क्रिकेटर शर्मा का मानना है कि अगर शीर्ष क्रम अच्छी शुरुआत देने में सफल रहता है तो फिर भारत की जीत की संभावना बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा, दबाव निश्चित तौर पर शीर्ष क्रम पर है। अगर मुरली विजय और शिखर धवन अच्छी शुरुआत देने में सफल रहते हैं और हमारे मध्यक्रम को नई गेंद का सामना करने को नहीं मिलता है तो भारत की बहुत अच्छी संभावना है। हमारी सलामी भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण होगी।
शर्मा ने कहा, नई गेंद खेलना विशेषज्ञ बल्लेबाजों का काम है। उसे ओपनर ही अच्छी तरह से खेलते हैं। अगर मध्यक्रम के बल्लेबाज नई गेंद का सामना नहीं करें तो बेहतर होगा। (भाषा)