टीम कॉम्बिनेशन फिर बना पहेली, लॉर्ड्स टेस्ट से पहले क्या करेंगे कोहली?
शार्दुल ठाकुर की चोट के कारण विराट कोहली के लिए एक टीम कॉम्बिनेशन एक बार फिर पहली बन गई है। ठाकुर की गैरमौजूदगी मे कप्तान कोहली अपने 4-1 के गेंदबाजी क्रम पर फिर से विचार कर सकते हैं क्योंकि निचले क्रम की बल्लेबाजी की कमजोरी को देखते हुए किसी एक रणनीति पर अडिग रहना संभव नहीं है।
कोहली ने एक बार फिर संकेत दिया कि वह दूसरे टेस्ट में भी पहले टेस्ट की राह पर चलना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, हमारे लिए यह परफेक्ट संतुलन हासिल करना है लेकिन अगर शार्दुल जैसा कोई खिलाड़ी उपलब्ध नहीं होता है तो निश्चित तौर पर हमें सोचना होगा कि हम 20 विकेट कैसे चटकाएंगे और किसी भी ऐसे खिलाड़ी को शामिल करने का प्रयास नहीं करना चाहिए जो बल्ले से कुछ रन बनाए। पहले मैच में जो हुआ उसे लेकर हम काफी सहज हैं।
अगर 4 तेज गेंदबाज और 1 स्पिनर अंतिम ग्यारह में होते हैं तो
कोहली यदि चार तेज गेंदबाजों के साथ ही उतरना चाहेंगे तो फिर ठाकुर की जगह पर इशांत शर्मा या उमेश यादव में से किसी एक को लिया जाएगा लेकिन यह फैसला आसान नहीं होगा।
कोहली ने पहले टेस्ट के बाद कहा था, पूरी संभावना है कि हम इसके (4-1 के संयोजन) साथ ही आगे बढ़ेंगे लेकिन हम हमेशा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर टीम का चयन करते हैं।
या फिर बल्लेबाजी मजबूत करने के लिए अश्विन को शामिल करे
लेकिन यदि कप्तान अपनी बल्लेबाजी को मजबूत देखना चाहते हैं तो फिर अश्विन को अंतिम एकादश में रखना सही फैसला होगा जो गेंदबाज के रूप में चौथे या पांचवें दिन लार्ड्स की पिच पर खतरनाक साबित हो सकते हैं।
यदि पिच शुष्क रहती है तो भारत अश्विन और जडेजा दोनों को टीम में रख सकता है जो कि अपनी विविधतापूर्ण गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं।
इंग्लैंड भी पिच के मुताबिक करेगा सिलेक्शन
यदि पिच से स्पिनरों को मदद मिलती है तो मोईन अली को अंतिम एकादश में रखा जा सकता है जिन्होंने 2014 और 2018 की श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन किया था। यदि पिच स्पिनरों के अनुकूल नहीं होती है तो तेज गेंदबाज मार्क वुड टीम को टीम में जगह मिल सकती है।
पिछली बार इंग्लैंड ने सजाई थी हरी पिच की सेज
मौसम की बात करें तो लंदन में अधिकतम तापमान 24 डिग्री और औसत तापमान लगभग 14 डिग्री चल रहा है।यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इंग्लैंड 2018 की तरह यहां पिच पर घास रखेगा क्योंकि तब भारतीय बल्लेबाजी दो दिन में ढह गयी थी और आलराउंडर क्रिस वोक्स इंग्लैंड की जीत के नायक बने थे।