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बुधवार, 22 मार्च 2017 (22:21 IST)
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के 'जाल' में उलझे विराट कोहली
धर्मशाला। भारत और ऑस्ट्रेलियाई के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का निर्णायक टेस्ट मैच 25 मार्च से शुरू होने जा रहा है और दुनियाभर की निगाहें भारतीय कप्तान विराट कोहली के बल्ले पर टिकी हुई हैं। भारत का यह सबसे सफल कप्तान ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की सोची-समझी रणनीति का शिकार हो गया है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने एक ऐसा जाल बुना, जिसमें विराट फंसकर रह गए हैं।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर बहुत चतुर होते हैं और उतना ही चालाक उसके मीडिया को माना जाता है। ऑस्ट्रेलिया जिस देश में भी क्रिकेट सीरीज खेलने जाता है, वहां खिलाड़ियों से पहले ही उसकी मीडिया की बक-बक शुरू हो जाती है और प्रयोजन यही रहता है कि किस तरह से मेजबान देश के क्रिकेटरों का मनोबल तोड़ा जाए।
चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले तीन टेस्ट मैचों में भारतीय कप्तान की नाकामी का बहुत कुछ ताल्लुक ऑस्ट्रेलियाई मीडिया से है। अब तो उसकी हरकतों को देखकर कहा जा रहा है कि इस बेकाबू ऑस्ट्रेलियाई मीडिया पर नकेल कसी जाए। क्रिकेट किस तरह गंदगी में धंसता जा रहा है, इसका एक उदाहरण ही काफी है।
भद्रजनों के इस खेल में भारतीय कप्तान विराट कोहली को तानाशाह की उपमा दी जाने लगी है, जबकि सभी जानते हैं कि किसी समय आक्रामक रुख रखने वाले विराट धोनी के सानिध्य में 'केप्टन कूल' हो गए हैं। उन्होंने टीम इंडिया की कमान संभालने के बाद खुद के व्यवहार में क्रांतिकारी बदलाव लाया है।
इसके बावजूद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया उनके पीछे पड़ा हुआ है। इंग्लैंड के जेम्स सदरलैंड ने तो यहां तक कह दिया कि विराट कोहली को सॉरी कहना तक नहीं आता जबकि क्रिकेट में दखल रखने वाले लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि दिल्ली का यह शेर किसी समय अपनी तीखी आवाज से क्रिकेटरों के सीने चीर दिया करता था लेकिन कामयाबी के घोड़े पर सवार होते ही उसने खुद को बदल लिया। वे पूरी टीम को साथ लेकर चलते हैं और मैदान पर उनका व्यवहार दोस्ताना होता है।
सनद रहे कि हाल ही में 'डेली टेलीग्रीफ' ने विराट कोहली को तानाशाह बताया है। यही नहीं विराट की तुलना अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कर डाली है। क्रिकेट के खेल में ऑस्ट्रेलिया जिस तरह से गंदगी फैला रहा है, वह बर्दाश्त के बाहर है। स्टीवन स्मिथ की अगुवाई में आई इस टीम के खिलाड़ी ही नहीं, मीडिया भी बेलगाम होता जा रहा है। इससे पहले भी ऑस्ट्रेलियाई टीमें कभी स्टीव वॉ की कप्तानी में तो कभी एलन बॉर्डर के नेतृत्व में भारत आई हैं लेकिन जितना गंदा माहौल अभी है, वह पहले कभी नहीं रहा।
मेहमान टीम और उसके मीडिया की कारगुजारी का कुछ हद तक फर्क तो पड़ता ही है। शायद यही कारण है कि इसके सीधे शिकार भारतीय कप्तान हुए हैं और यही कारण है कि दुनिया के सूरमा गेंदबाजों को छठी का दूध याद दिलाने वाला भारतीय शेर विराट कोहली इस घिनौने चक्रव्यूह में उलझकर रह गया है। जरूरी है कि वह अभिमन्यु की तरह इस चक्रव्यूह को तोड़े और धर्मशाला के तेज विकेट पर अपने जलवे दिखाकर ऑस्ट्रेलियंस को मुंहतोड़ जवाब दे। (वेबदुनिया न्यूज)