विराट कोहली पर छींटाकशी नहीं करेंगे : वॉर्नर
मुंबई। ऑस्ट्रेलियाई उप कप्तान डेविड वॉर्नर ने संकेत दिया कि वे 23 फरवरी से शुरू होने वाली आगामी चार मैचों की टेस्ट सीरीज में फार्म में चल रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली पर छींटाकशी नहीं करेंगे।
वॉर्नर ने आज यहां भारत 'ए' के खिलाफ ड्रॉ हुए अभ्यास मैच के समाप्त होने के बाद कहा, हमारे लिए, मैदान पर जाकर क्रिकेट खेलना अहम होगा। विराट कोहली उन खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्हें अगर आप छेड़ते हो तो या तो यह सब उन्हें बेहतर कर देता है या फिर अगर आप उनके पीछे पड़ जाएं तो वह शायद इससे भी ज्यादा बेहतर हो जाते हैं। वह इस समय हमारे लिए विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं, इसलिए हमारे लिए अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना महत्वपूर्ण होगा।
ऑस्ट्रेलियाई टीम छींटाकशी के लिए मशहूर हैं, लेकिन उन्होंने कहा, हम क्रीज पर छींटाकशी के इरादे से नहीं उतरेंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि हम खेल भावना के अंतर्गत बेहतरीन क्रिकेट खेलें। वॉर्नर ने कहा कि अभ्यास मैच में दो पारियों में वह अपने प्रदर्शन और स्पिनर नाथन ल्योन के गेंद से प्रदर्शन से निराश नहीं हैं। उन्होंने दोनों पारियों में 25 और 35 रन बनाए हैं।
उन्होंने कहा, मैं बिलकुल भी निराश नहीं हूं। मेरे गेम में ऐसा ही होता है, मैं जिस तरह से खेलता हूं, मैं या तो शानदार बल्लेबाजी करता हूं और इसका फायदा उठाता हूं। या फिर मैं सस्ते में आउट हो जाता हूं। मैं इसी तरह से खेलता हूं।
वॉर्नर ने कहा, मुझे लगता है कि उसने (लियोन) बहुत अच्छी गेंदबाजी की। जब आपके सामने ऐसा खिलाड़ी (अय्यर) हो जो शतक पर हो तो छोटी बाउंड्री को रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है। आपको कोशिश करनी होती है और थोड़ा फेरबदल करना होता है, थोड़ा ज्यादा सोचना होता है। और उसने ऐसा किया, उसने कुछ अन्य खिलाड़ियों से भी उनकी राय ली। उन्होंने कहा, मुझे भरोसा है कि उसे थोड़ी सी फुटेज देखनी होगी और देखना होगा कि उसने आज जिस तरह से गेंदबाजी की कि उसमें क्या बदलाव कर सकता है। अय्यर ने लियोन की गेंदबाजी में आठ छक्के जड़े थे।
बाएं हाथ के बल्लेबाज वॉर्नर ने कहा कि भारत में अच्छा करने के लिए मानसिक मजबूती अहम है। उन्होंने कहा, हम यहां टेस्ट क्रिकेट खेले हुए काफी लंबा समय हो गया है। पिछली बार जब हम यहां खेले थे तो वह मेरे लिए पहली बार था, इसलिए यह कठिन था। यह चुनौतीपूर्ण थ। बतौर खिलाड़ी मैंने सचमुच तब काफी कुछ सीखा था। मैं थोड़ा युवा था और थोड़ा बचपना भी था। इसलिए मैंने तब से चार वषरें में काफी कुछ सीखा है। (भाषा)