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Last Updated : बुधवार, 13 फ़रवरी 2019 (13:24 IST)

विश्व कप में खेलने का है सपना, धोनी की तरह मैच फिनिशर बनना चाहता है यह क्रिकेटर...

Vijay Shankar। विश्व कप में खेलने का है सपना, धोनी की तरह मैच फिनिशर बनना चाहता है यह क्रिकेटर... - Vijay Shankar, MS Dhoni, T-20 Series, World Cup
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे पर हार्दिक पांड्या कि जगह टीम इंडिया में शामिल किए गए ऑलराउंडर विजय शंकर ने अपने शानदार प्रदर्शन से विश्वकप 2019 में शामिल होने का मजबूत दावा पेश किया है। विजय शंकर इसका पूरा श्रय भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी को देना चाहते है। उनका कहना है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे की उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि धोनी से लक्ष्य का पीछा करने की कला सीखना है। 

 
 
शंकर ने न्यूजीलैंड दौरे पर अपनी बल्लेबाजी से सभी को अपना मुरीद बना दिया। वह धोनी की तरह मैच फिनिशर बनना चाहते हैं। सोमवार को स्वदेश लौटे शंकर ने कहा, मैं सीनियर खिलाड़ियों का साथ पाकर खुश था। उन्हें केवल मैच की तैयारियां करते हुए देखना ही सीख है। धोनी को लक्ष्य का पीछा करते हुए देखकर मैंने काफी कुछ सीखा। मैंने विशेषकर लक्ष्य का पीछा करते हुए पारी को कैसे आगे बढ़ाना है, इसको लेकर काफी कुछ सीखा। मैंने उनकी मानसिकता से सीख ली। 
 
शंकर ने आगे कहा कि धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना उनके लिए एक सपने जैसा था। उनके साथ ड्रेसिंग रूम का अनुभव काफी अच्छा रहा। टीम के सीनियर को देखना और उनसे सीखना महत्वपूर्ण है। 
शंकर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतिम टी-20 मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर हैरानी जताई थी लेकिन उन्होंने कहा कि टीम प्रबंधन ने श्रृंखला शुरू होने से पहले उन्हें इस बारे में दिया था। उन्होंने कहा, 'मैं हैरान था लेकिन साथ ही खुश भी था कि मुझे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए कहा गया है। मुझे श्रृंखला शुरू होने से पहले बताया गया था कि मुझे वन-डाउन पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा जा सकता है। टी-20 में आपके पास क्रीज पर पांव जमाने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता और आपका दृष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए। 
 
शंकर इस बात से निराशा थें कि वह तीसरे अंतिम टी-20 मैच में टीम को जीत नहीं दिला सके। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि मुझे कुछ और रन बनाने चाहिए थे। इसके अलावा तीसरे वनडे में टीम को जीत नहीं दिला पाने पर मुझे निराशा हुई। मेरे पास मौका था। यह मेरे लिए सीखने का अच्छा अवसर था। मुझे तेजी से सीखने और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है।  
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