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Last Modified: शुक्रवार, 17 जून 2016 (16:55 IST)

टी-20 सीरीज में भी क्लीन स्वीप करना चाहेगा भारत

Twenty20
हरारे। एक दिवसीय श्रृंखला में क्लीन स्वीप के बाद महेंद्रसिंह धोनी अब अपने मौजूदा सत्र का अंत कल से जिम्बाब्वे के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैचों की टी- 20 क्रिकेट श्रृंखला में भी मेजबान के सफाए के साथ करना चाहेंगे।
वन-डे श्रृंखला में धोनी एंड कंपनी ने 3-0 से जीत दर्ज की। अब उनका लक्ष्य इस प्रदर्शन को टी-20 श्रृंखला में दोहराने का होगा। केदार जाधव और मनीष पांडे जैसे खिलाड़ी जो यहां 2015 में टी-20 श्रृंखला खेल चुके हैं, उन्हें बखूबी याद होगा कि अजिंक्य रहाणे की अगुवाई वाली टीम दूसरा मैच हार गई थी और श्रृंखला 1-1 से ड्रॉ  रही थी।
 
दुनिया के सबसे अनुभवी टी-20 कप्तान की मौजूदगी में भारत इस बार क्लीन स्वीप का प्रबल दावेदार है। इस 15 सदस्यीय टीम में फैज फजल को छोड़कर सभी खिलाड़ी आईपीएल खेलते हैं।
 
दोनों टीमों के प्रदर्शन में अंतर इतना गहरा है कि धोनी अपने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव कर सकते हैं। मनदीप सिंह, जयंत यादव, जयदेव उनादकट जैसे खिलाड़ियों को उतारा जा सकता है।
 
धोनी का इरादा वैसे विजयी संयोजन के साथ जीत दर्ज करके शुरुआत का होगा,  क्योंकि वे ज्यादा बदलाव करने वाले कप्तानों में से नहीं हैं। धोनी को हालांकि बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आना चाहिए, क्योंकि उन्हें खेलते देखने की तमन्ना रखने वाले यहां मौजूद चुनिंदा भारतीयों को वन-डे श्रृंखला में मायूसी हाथ लगी जब कप्तान को बल्लेबाजी की जरूरत ही नहीं पड़ी। 
 
केएल राहुल, मनीष पांडे, अंबाती रायुडू और धोनी का टी-20 में खेलना तय है। पारी की शुरुआत के लिए करुण नायर और फजल में से एक का चयन होगा। नायर ने दो वन-डे में पारी का आगाज किया और दूसरे मैच में 39 रन बनाए। फजल ने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में अर्धशतक जमाया। नायर टी-20 क्रिकेट में लगातार अच्छा खेलते आए हैं। उन्होंने निलंबित राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ 64 मैचों में 122 से अधिक की स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
 
दूसरी ओर टी-20 में 105 का स्ट्राइक रेट रखने वाले फजल के बाद 2011 के बाद से आईपीएल करार नहीं है। पंजाब के मनदीप को सीनियर स्तर पर पदार्पण का मौका मिल सकता है। इसी तरह केदार जाधव भी दौड़ में हैं जिन्हें एक भी वन-डे खेलने का मौका नहीं मिला।
 
भारतीय गेंदबाजों ने अभी तक अनुशासित प्रदर्शन किया है। धवल कुलकर्णी, जसप्रीत बुमरा और बरिंदर सरन का प्रदर्शन उम्दा रहा है। धोनी अगर सरन को आराम देते हैं तो उनादकट को उतार सकते हैं। स्पिनर युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल भी किफायती रहे हैं। हरारे स्पोर्ट्स क्लब मैदान की पिच सीम गेंदबाजों की मददगार होगी, लेकिन बल्लेबाजों को भी इस पर निराशा हाथ नहीं लगेगी। जिम्बाब्वे के लिये टी-20 श्रृंखला राहत का सबब होगी क्योंकि इसमें एक या दो ओवर में मैच की तस्वीर बदल जाती है। (भाषा)
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