हिन्दी में ओलंपिक का आकलन करेंगी अंजलि भागवत
नई दिल्ली। ओलंपिक में भारत का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुकीं महिला रायफल निशानेबाज अंजलि भागवत इस बार रियो ओलंपिक में खेलों के महाकुंभ का आकलन हिंदी में करती नजर आएंगी।
अंजलि को रियो ओलंपिक के आधिकारिक प्रसारक स्टार स्पोर्ट्स ने अपने विशेषज्ञ पैनल में शामिल किया है। अंजलि ने बताया कि वह पांच से 21 अगस्त तक होने वाले ओलंपिक में हिंदी में इन खेलों का आकलन करेंगी। अंजलि ने 2000 के सिडनी ओलंपिक में वाइल्डकार्ड के जरिए प्रवेश पाया था और वह फिर अपनी 10 मीटर एयर रायफल स्पर्धा के फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनी थीं।
अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 31 स्वर्ण, 23 रजत और सात कांस्य पदक जीतने वाली पुणे की इस निशानेबाज ने सिडनी के बाद दो और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। राष्ट्रमंडल खेलों में 12 स्वर्ण जीतने वाली अंजलि 2002 में विश्व की नंबर एक निशानेबाज बनी थीं और उन्हें देश का सर्वोच्च राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान भी दिया गया।
अंजलि इस बात से बहुत उत्साहित हैं कि इस बार रिकॉर्ड 12 भारतीय निशानेबाज रियो ओलंपिक में उतर रही हैं और उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय निशानेबाजों का रियो में प्रदर्शन बेहतर होगा, लेकिन उन्होंने कोई पदक भविष्यवाणी करने से इंकार किया।
पूर्व महिला निशानेबाज का मानना है कि रियो में तेज हवाएं और अंतरराष्ट्रीय नियमों में लंदन ओलंपिक के बाद लाए गए परिवर्तन काफी निर्णायक साबित हुए थे। उन्होंने बताया कि टाइमिंग, मैचों की प्रक्रिया और स्कोरिंग में काफी कुछ बदल चुका है।
46 वर्षीय अंजलि ने साथ ही कहा कि कई स्पर्धाओं में अब क्वालिफिकेशन का स्कोर नहीं जोड़ा जाता है जिससे पदक संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। केवल शीर्ष आठ निशानेबाज अपने प्री क्वालिफिकेशन स्कोर से फाइनल में पहुंचते हैं और फाइनल में स्कोरिंग की नई शुरूआत होती है। उन्होंने कहा कि स्कोरिंग में जीतने का फर्क अब 0.1 या 0.2 तक आ गया है। इसलिए पदक भविष्यवाणी करना निश्चित रूप से मुश्किल काम है।
अंजलि ने कहा कि हमारे निशानेबाज काफी प्रतिभाशाली हैं। जीतू राय ने विश्व चैंपियनशिप में पदक जीते हैं। लेकिन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि अपनी स्पर्धा के दिन आप कैसा प्रदर्शन करते हैं। ऐसे समय में मानसिक मजबूती की असली परीक्षा होती है। (वार्ता)