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Last Updated : बुधवार, 2 मार्च 2022 (19:13 IST)

महिला वनडे विश्वकप में दर्शक स्टेडियम में कर सकेंगे अपनी टीम को चियर

महिला वनडे विश्वकप में दर्शक स्टेडियम में कर सकेंगे अपनी टीम को चियर - Ten percent turnout allowed for the matches of women ODI world cup
क्राइस्टचर्च: आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2022 के लिए 10 प्रतिशत दर्शकों को स्टेडियम्स में बैठने की अनुमति दी जाएगी।टूर्नामेंट को न्यूजीलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के कोरोना रोकथाम नियम से छूट मिल गई है और विश्व कप के पहले हफ्तों के मैचों के टिकट बिक्री के लिए उपलब्ध हो गए हैं।

पहले टिकटों की बिक्री रोक दी गई थी, तब आयोजकों ने कोरोना रोकथाम नियम के तहत टूर्नामेंट काे आयोजित करने की आवश्यकताओं पर काम किया था, लेकिन अब स्टेडियम्स में दर्शकों की 10 प्रतिशत तक क्षमता को अनुमति दी गई है, हालांकि दर्शकों को पूरे आयोजन स्थल में एक-दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी। अब सीमित दर्शक टूर्नामेंट के 31 मैचों में से पहले सात मैचों के टिकट खरीद सकते हैं। आगामी दिनों में और अधिक मैचों के टिकटों की बिक्री की उम्मीद है।

टूर्नामेंट की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंड्रिया नेल्सन ने कहा, “ हम अचंबित हैं। इसका मतलब है कि टूर्नामेंट में एक सुरक्षित प्रशंसक अनुभव होगा, जिससे टूर्नामेंट का संचालन करना बहुत आसान होगा। क्रिकेट प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर यह है कि वे अब हर मैच में अपना पसंदीदा स्थान आसानी से चुन सकते हैं, जैसा कि वे आमतौर पर करते हैं। हमें दृढ़ विश्वास है कि हम दर्शकों के लिए सबसे सुरक्षित तरीके से टूर्नामेंट का आयोजन कर सकते हैं। प्रशंसकों का मैदान के किनारे पर आना स्वाभाविक है, लेकिन हमारे खुले स्थानों पर वेंटिलेशन के साथ यह कोई समस्या नहीं है।”

कोविड के खतरे के बीच महिला विश्व कप के आयोजन पर अलार्डिस ने कहा, खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेनी होगी

कोविड मुक्त महिला विश्व कप के आयोजन की उम्मीद के बीच किसी भी तरह के हालात से निपटने को तैयार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सीईओ ज्यौफ अलार्डिस ने सोमवार को कहा कि संचालन परिषद टूर्नामेंट के सुचारू आयोजन के लिए काफी हद तक इस पर निर्भर है कि खिलाड़ी ‘समझदारी’ दिखाएं।

महिला एकदिवसीय विश्व कप चार मार्च से शुरू होगा और न्यूजीलैंड के छह स्थलों पर खेला जाएगा। पहला मुकाबला मेजबान न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच होगा।

इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता से पहले आनलाइन बातचीत के दौरान अलार्डिस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि योजना यह होगी कि टूर्नामेंट के दौरान नियंत्रित माहौल बनाया जाए और अधिक संख्या में परीक्षण किए जाएं। ऐसा नहीं है कि रोजाना परीक्षण किए जाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह खिलाड़ियों के जिम्मेदारी लेने पर निर्भर करता है। हम खिलाड़ियों और टीम से कह रहे हैं कि वे समझदारी दिखाएं, ऐसी जगहों से दूर रहे जहां से संक्रमण फैलने की संभावना है।’’


संक्रमण फैलने की स्थिति में भी मुकाबलों का आयोजन प्रत्येक टीम में नौ खिलाड़ियों के साथ भी किया जा सकता है लेकिन अलार्डिस ने उम्मीद जताई कि हालात इतने खराब नहीं होंगे।

अलार्डिस ने कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों में ओमिक्रोन प्रारूप के फैलने के बाद हमें ऐसा करना पड़ा। हमारे लगभग सभी टूर्नामेंट में पॉजिटिव कोविड नतीजों के चलते पृथकवास के कारण कई खिलाड़ियों के अनुपलब्ध होने के कारण हमारे सामने चुनौती थी।’’

खेलने के हालात से जुड़े आईसीसी के दिशानिर्देशों में प्रत्येक टीम में कम से कम नौ खिलाड़ियों के साथ मुकाबले के आयोजन का जिक्र है और यह वेस्टइंडीज में अंडर-19 विश्व कप से प्रभावी है जहां भारत ने रिकॉर्ड पांचवीं बार खिताब जीता।

अंडर-19 विश्व कप के दौरान एक समय भारत के आधा दर्जन खिलाड़ी कोविड संक्रमित थे।आईसीसी के सीईओ ने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज में लगभग एक महीना पहले पुरुष अंडर-19 विश्व कप के दौरा हालात काफी नाजुक थे जहां कई टीम के खिलाफ संक्रमित थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और मुझे लगता है कि हमें कुछ आपात योजना की जरूरत थी। हम चाहते हैं कि मुकाबला 11 खिलाड़ियों के बीच हो। हमारे पास 15 खिलाड़ियों की टीम है, मुझे लगता है कि सभी टीम कुछ अतिरिक्त रिजर्व खिलाड़ियों के साथ आई हैं, आपात योजना के तहत।’’

अलार्डिस ने यह भी स्वीकार किया कि आईसीसी के लिए प्रतियोगिता की मेजबानी करना चुनौतीपूर्ण है।न्यूजीलैंड में कोविड से जुड़ी पाबंदियां दुनिया में सबसे कड़ी हैं और इस बारे में पूछने पर अलार्डिस ने कहा, ‘‘टूर्नामेंट के दौरान कोविड की स्थिति को लेकर चीजें चुनौतीपूर्ण हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टूर्नामेंट से पहले पृथकवास और अलग थलग रहने को लेकर अंतररराष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले 18 महीने और हमारी प्रतियोगिताओं के लिए पिछले नौ महीने में हमें अलग अलग रणनीतियां बनानी पड़ी।’’अलार्डिस ने कहा, ‘‘हमारे लिए यह चुनौतीपूर्ण था क्योंकि हर देश में हम अलग सरकार के साथ काम करते हैं और सभी की कोविड से निपटने की अपनी अलग रणनीति है।’’
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