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Last Modified: लखनऊ , बुधवार, 3 सितम्बर 2014 (20:45 IST)

हॉकी के मैदान ने बदला सुरेश रैना का भाग्य

हॉकी के मैदान ने बदला सुरेश रैना का भाग्य - Suresh Raina, Indian cricket team , India England ODI series
लखनऊ। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में निराशाजनक हार से बेजार भारतीय टीम में नई जान भरने वाले बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना के लिए लिए हॉकी का मैदान वरदान साबित हुआ और लखनऊ में एस्ट्रोटर्फ पर अभ्यास के जरिए उन्होंने शॉर्ट पिच गेंदें खेलने में अपनी जगजाहिर कमजोरी को दूर करके नया आत्मविश्वास हासिल किया। 
 
शॉर्ट पिच गेंदें रैना की सबसे बड़ी कमजोरी मानी जा रही थी लेकिन लखनऊ के गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज के एस्ट्रोटर्फ पर कड़े अभ्यास के बाद वह इससे निजात पाने में सफल रहे। इसी का परिणाम था कि उन्होंने इंग्लैंड की घसियाली पिचों पर जेम्स एंडरसन सरीखे तेज गेंदबाजों की शॉर्ट पिच गेंदों पर पुल शाट का जबर्दस्त प्रदर्शन करके भारतीय टीम में नया आत्मविश्वास भरा। 
 
रैना को क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले कोच दीपक शर्मा ने कहा, ‘रैना की शॉर्ट पिच गेंदें खेलने की तकनीक को लेकर पहले भी काफी बातें होती रही हैं। तेज गेंदबाज उन्हें आउट करने के लिए शॉर्ट पिच गेंदों का जाल बिछाते थे। अब रैना के लिए बाउंसर कोई अप्रत्याशित चीज नहीं रह गई है। अब वह समझ चुके हैं कि तेज गेंदबाज उन्हें शॉर्ट पिच गेंदें ही फेंकेंगे। इसके लिए उन्होंने खास तैयारी की थी।’
 
उन्होंने बताया ‘इंग्लैंड जाने से पहले 15 दिन पहले रैना स्पोर्ट्स कॉलेज में अभ्यास के लिए आए थे। स्पोर्ट्स कॉलेज में एस्ट्रोटर्फ भी है, जिस पर सिंथेटिक की गेंद काफी उछाल लेती है। मैंने उनके साथ काफी समय एस्ट्रोटर्फ पर अभ्यास कराने में भी बिताया। रैना ने यहां पूरे मनोयोग से शॉर्ट पिच गेंदों की प्रैक्टिस की जिसका उन्हें बहुत फायदा मिला। मुझे उनका आत्मविश्वास देखकर लगा कि कुछ नया सामने आने वाला है और अब रैना बिल्कुल बदला हुआ खिलाड़ी लग रहा है।’ 
 
रैना सीरीज में अब तक तीन मैचों की दो पारियों में 71 के औसत से 142 रन बना चुके हैं। साथ ही किफायती गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट ले चुके हैं। इसके अलावा दमदार फील्डिंग करते हुए तीन कैच भी पकड़ चुके हैं।
 
शर्मा ने कहा कि वास्तव में भारतीय टीम हार की मन:स्थिति में थी, ऐसे में रैना ने पहले ही मैच में शतक जड़कर टीम को नई सोच और नया उत्साह दिया। अभी उनसे कई उपलब्धियां हासिल करने की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि रैना ने एक खिलाड़ी के तौर पर परिपक्वता के एक नए दौर में प्रवेश किया है और उनका यह प्रदर्शन उनके लिए टेस्ट टीम के दरवाजे भी खोल सकता है।
 
शर्मा ने कहा ‘मेरे हिसाब से इसी तरह की परिपक्वता और लय बनाए रखने के लिए रैना को अपना स्वाभाविक अंदाज कायम रखना चाहिए और प्रयोगों से बचना चाहिए। वह एक आक्रामक बल्लेबाज हैं और उन्हें अपनी सोच नहीं बदलनी चाहिए।’
 
कोच ने कहा ‘एक गेंदबाज के तौर पर भी रैना परिपक्व हुए हैं। वह बल्लेबाज के दिमाग को पढ़कर गेंद फेंकते हैं। मैं हमेशा उनसे कहता था कि तुम्हारी गेंदबाजी, तुम्हारी बल्लेबाजी और गेंदबाजी को सपोर्ट करेगी। महेन्द्र सिंह धोनी बहुत परिपक्व कप्तान हैं और अब उन्हें रैना की गेंदबाजी की परख हुई है।’ (भाषा)