कानपुर:बंगलादेश के खिलाफ चटगांव टेस्ट में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को गुरुवार से ढाका में शुरू हुये दूसरे टेस्ट में जगह नहीं मिलने से कोच कपिल पांडे हैरान हैं।
टीम प्रबंधन के फैसले से खिन्न नजर आ रहे कपिल ने कहा “ कुलदीप को अंतिम एकादश में नहीं खिलाने का टीम प्रबंधन का फैसला हैरानगी भरा है। पहले टेस्ट में जो खिलाड़ी प्लेयर आफ द मैच रहा हो, उसे अगले ही टेस्ट में बेंच पर बैठाना हैरत में डालने वाला है। यह किसी भी खिलाड़ी के मनोबल को प्रभावित कर सकता है। शायद टीम प्रबंधन को उम्मीद होगी कि कुलदीप दस से ज्यादा विकेट लेते और शतक भी बनाते तो उनके बारे में विचार किया जा सकता था। ”
उन्होने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कुलदीप के साथ नाइंसाफी हुयी है। इससे पहले आईपीएल में 21 विकेट चटकाने के बावजूद उन्हे टी-20 विश्वकप में जगह नहीं दी गयी। इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने के बाद उन्हे टीम से बाहर किया गया।
कुलदीप के कोच ने कहा “ मै टीम प्रबंधन पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। भारतीय टीम के कोच बेहद अनुभवी हैं। हो सकता है कि कुलदीप टीम संयोजन में फिट नहीं बैठ रहे हों मगर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कुलदीप को अगर ढाका टेस्ट के लिये अंतिम एकादश में स्थान मिलता तो वह एक बार फिर मारक गेंदबाजी से विरोधी टीम को संकट में डालने में सफल होते। हर भारतीय की तरह मैं भी चाहता हूं कि टीम बंगलादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करे। ”
गौरतलब है कि बंगलादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृखंला का दूसरा और आखिरी मुकाबला आज से ढाका के शेर बंगला नेशनल स्टेडियम में शुरू हुआ है जिसमें कुलदीप के स्थान पर मध्यम तेज गेंदबाज जयदेव उदानकट को जगह दी गयी है। चटगांव टेस्ट कुलदीप ने 13 रन देकर आठ विकेट झटके थे। उन्हे प्लेयर आफ द मैच घोषित किया गया था।
कुलदीप को बाहर करना अविश्वसनीय: गावस्करस्पिनर कुलदीप यादव को दूसरे टेस्ट की अंतिम एकादश से बाहर करने के हैरानी भरे फैसले की पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने आलोचना करते हुए इसे अविश्वसनीय करार दिया है।बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप ने चटगांव में पहले टेस्ट की पहली पारी में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 40 रन पर पांच विकेट चटकाए थे। उन्होंने दूसरी पारी में भी तीन विकेट हासिल करते हुए मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 113 रन देकर आठ विकेट अपने नाम किए थे जिससे भारत ने यह मैच 188 रन से जीता था।
मीरपुर में गुरुवार को शुरू हुए दूसरे टेस्ट में हालांकि अंतिम एकादश में तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने उनकी जगह ली जिससे गावस्कर, पूर्व टेस्ट गेंदबाज डोडा गणेश और पूर्व महिला कप्तान अंजुम चोपड़ा हैरान थी कि आखिक टीम प्रबंधन ने ऐसा फैसला क्यों किया।
सीरीज के प्रसारणकर्ता सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर कमेंटरी करते हुए गावस्कर ने कहा, मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को बाहर करना, यह अविश्वसनीय है। मैं सिर्फ इसी शब्द का इस्तेमाल कर सकता हूं और यह एक सौम्य शब्द है। मैं काफी कड़े शब्दों का इस्तेमाल करना चाहता था लेकिन यह अविश्वसनीय है कि आपने मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को बाहर कर दिया जिसने 20 में से आठ विकेट चटकाए।
उन्होंने कहा, आपके पास दो और स्पिनर (रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल) थे। निश्चित तौर पर अन्य स्पिनरों में से किसी एक को बाहर किया जा सकता था। लेकिन उस खिलाड़ी को जिसने आठ विकेट चटकाए, उसे पिच को देखते हुए आज खेलना चाहिए था।
गणेश हैरान हैं कि कुलदीप के साथ ऐसा व्यवहार किया गया। चार टेस्ट खेलने वाले इस तेज गेंदबाज ने सोशल मीडिया पर लिखा, कुलदीप यादव के साथ बार-बार ऐसा क्यों होता है। आप बार-बार उसके साथ ऐसा नहीं कर सकते। कृपया करके उसके कंधे पर हाथ रखकर बोलें कि हौसला नहीं खोए। हां, कुलदीप यादव के साथ बुरा हुआ। उसके लिए दुखी हूं।
उन्होंने कहा, साथ ही जैसे पिछले टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाड़ियों को उसकी गेंदों को समझने में परेशानी हो रही थी इसे देखते हुए उसे आज बाहर करने का फैसला और अधिक मूर्खतापूर्ण और क्रिकेट के तर्क के खिलाफ है। क्या आप चाहते हैं कि आपका मैच विजेता बाहर बैठे।
गणेश ने कहा, मुझे लगता है कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा खिलाड़ियों को लेकर थिंक टैंक को और अधिक संयम दिखाना चाहिए और उसी के अनुसार टीम संयोजन में बदलाव करना चाहिए। पिछली बार उन्होंने नाबाद 303 रन की पारी खेलने वाले करूण नायर को बाहर करके हैदराबाद में अतिरिक्त तेज गेंदबाज खिलाया था। और अब यह कुलदीप यादव के साथ हुआ। स्तब्ध करने वाला।कुलदीप ने बल्ले से भी उम्दा प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में 40 रन बनाए थे।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान अंजुम ने भी कुलदीप को बाहर करने को अजीब करार दिया।
अंजुम ने सोशल मीडिया पर लिखा, सिर्फ तीन दिन पहले भारत के पिछले टेस्ट मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कुलदीप यादव को बाहर करने तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में जयदेव उनादकट को खिलाया गया। हैरानी भरा लेकिन रणनीतिक बदलाव।