शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. Shubhman Gill tears into the Australia in the press conference
Written By WD Sports Desk
Last Updated : शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024 (18:38 IST)

शुभमन गिल ने प्रेस कॉंफ्रेस में दागे गए सवालों के दिए धुंआंधार जवाब

पहली पारी में दूसरे छोर के विकेटों के पतन से प्रभावित हुआ था मेरा खेल: गिल

शुभमन गिल ने प्रेस कॉंफ्रेस में दागे गए सवालों के दिए धुंआंधार जवाब - Shubhman Gill tears into the Australia in the press conference
INDvsAUSएडीलेड टेस्ट में दूसरे छोर से विकेटों के पतन के कारण बल्लेबाजी पर असर की बात स्वीकार करते हुए शुभमन गिल ने शुक्रवार को यहां उम्मीद जतायी कि भारतीय बल्लेबाजी समूह अब ‘प्रभावी रूप से तीन मैचों की श्रृंखला की’ पहली पारी में अच्छा करने की कोशिश करेगी।

गिल उंगली की चोट के कारण पहला टेस्ट नहीं खेल पाए थे। उन्होंने एडीलेड में गुलाबी गेंद टेस्ट की दोनों पारियों में 31 और 28 रन बनाये। वह क्रीज पर लय में देखने के बावजूद अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके। भारत इस मैच को 10 विकेट से हार गया था।

गिल ने पांच मैचों की श्रृंखला के तीसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘बल्लेबाजी इकाई के तौर पर हम पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करना चाहेंगे। हमने इस बारे में चर्चा की है और हर बल्लेबाजी की अपनी योजना है।’’

भारतीय टीम पर्थ में खेले गये पहले टेस्ट की शुरुआती पारी में 150 और एडिलेड में दूसरे टेस्ट की शुरुआती पारी में 180 रन ही बना सकी थी।

गिल ने कहा, ‘‘एक बल्लेबाज के रूप में मेरे पास अब भी अपने तरीके से खेलने की स्वतंत्रता है। मेरे लिये मुख्य चुनौती यह है कि दूसरे छोर और स्कोरबोर्ड से प्रभावित हुए बिना मैं अपने तरीके से बल्लेबाजी कर सकूं।’’उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले टेस्ट में दूसरे छोर पर जो हुआ उसके कारण पहली पारी में मेरी बल्लेबाजी प्रभावित हुई। मैं उसकी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेता हूं।’’

एडीलेड टेस्ट की पहली पारी में एक समय चार ओवर के खेल में गिल को सिर्फ एक गेंद सामना करने का मौका मिला इससे उनकी बल्लेबाजी प्रभावित हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘ उस मैच में ऐसा समय था जब मुझे अधिक गेंद सामना करने का मौका नहीं मिला...... शायद चार ओवर में सिर्फ एक गेंद। इसके बाद मैंने एक ऐसी गेंद का सामना किया जिसे आंकने में पूरी तरह से विफल रहा। ये वे चुनौतियां हैं जिनका आप सामना करते हैं। मैच के दौरान हो सकता है कि आप चार ओवर तक एक भी गेंद का सामना न करें या आपको लगातार 18 गेंदों का सामना करना पड़े। ’’

भारत ने हाल के टेस्ट मैचों में कम से कम छह बार पारी में 150 रन से कम का स्कोर बनाये हैं। गिल ने स्वीकार किया कि इस आंकड़े का बल्लेबाजी समूह पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह अब उनकी टीम के लिए तीन मैचों की श्रृंखला है।

गिल ने कहा, ‘‘एडीलेड टेस्ट में हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन श्रृंखला अब भी 1-1 से बराबर है। हम इसे तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला की तरह लेंगे और अगर हम इसे जीतते हैं तो मेलबर्न और सिडनी में इसका फायदा मिलेगा।’’

ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौर (2021) में यहां खेले गये टेस्ट के बाद पहली बार गाबा में कदम रखते ही गिल पुरानी यादों में खो गए। उन्होंने यहां चौथी पारी में 91 रन बना कर भारत की ऐतिहासिक जीत की नींव रखी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘टीम के साथ 2021 के बाद स्टेडियम में आना, निश्चित रूप से बहुत सारी पुरानी यादों को ताजा कर रहा है।’’

कप्तान रोहित शर्मा वैकल्पिक प्रशिक्षण सत्र में शामिल नहीं हुए और जब उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया, तो गिल ने कहा, ‘‘यह एक वैकल्पिक सत्र था और वह पहले ही काफी अभ्यास कर चुके हैं।’’

पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने मैचों के बीच में वैकल्पिक अभ्यास सत्र में भाग नहीं लेने पर खिलाड़ियों की खिंचाई की थी।गिल ने कहा कि गाबा की पिच बल्लेबाजी के लिए बेहतर होगी और भारतीय टीम यहां अच्छा प्रदर्शन करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘ गुलाबी गेंद के टेस्ट में गेंदबाज के हाथ से सीम को परखना थोड़ा कठिन होता है, खासकर जब आप रात में खेल रहे हों। हम गुलाबी गेंद टेस्ट की तुलना में लाल गेंद से दिन में खेलने के आदी है।’’

गिल ने माना की ऑस्ट्रेलिया की पिचें बल्लेबाजी के ज्यादा मुश्किल नहीं है।उन्होंने कहा, ‘‘परिस्थितियां थोड़ी चुनौतीपूर्ण हैं लेकिन 30-35 वें ओवर से लेकर दूसरी नयी गेंद (81वां ओवर) के आने तक बल्लेबाजी आसान हो जाती है।’’

गिल ने कहा कि पिछले कई वर्षों से ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी आक्रमण में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है ऐसे यहां कौशल की तुलना में मानसिक रणनीति के मायने अधिक है।

भारतीय बल्लेबाज ने कहा, ‘‘हमने उनके खिलाफ काफी खेला है और पिछले पांच-छह वर्षों में उनकी टेस्ट टीम में मामूली बदलाव ही हुए है। दोनों टीमों को पता है कि हम एक-दूसरे को किन क्षेत्रों को निशाना बनाने जा रहे हैं। हम मुझे पता था कि यहां  किस तरह की चुनौतियां होंगी और इसलिए इस तरह की श्रृंखलाओं में कौशल की तुलना में मानसिक रणनीति का महत्व ज्यादा होता है।’’ (भाषा)