पैतीस वर्ष के अश्विन ने अपने 80वें टेस्ट में 419वां विकेट लेकर हरभजन सिंह (103 टेस्ट में 417 विकेट) को पछाड़ दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साल की शुरूआत में भारतीय टीम के न्यूजीलैंड दौरे के बाद उनका कैरियर दोराहे पर था।
बीसीसीआई की वेबसाइट के लिये अपने साथी खिलाड़ी श्रेयस अय्यर को दिये इंटरव्यू में उन्होंने कहा , ईमानदारी से कहूं तो कोरोना महामारी और लाकडाउन के बीच मेरे जीवन और मेरे कैरियर में पिछले कुछ साल से जो कुछ हो रहा था , मुझे पता नहीं था कि टेस्ट क्रिकेट फिर खेलूंगा या नहीं।
उन्होंने कहा , मैने क्राइस्टचर्च में 29 फरवरी 2020 से शुरू हुआ आखिरी टेस्ट नहीं खेला था। मैं दोराहे पर था कि दोबारा टेस्ट खेल सकूंगा या नहीं। मेरा भविष्य क्या है। क्या मुझे टेस्ट टीम में जगह मिलेगा क्योंकि मैं वही प्रारूप खेल रहा था। ईश्वर दयालु है और अब हालात बिल्कुल बदल गए।Drawing inspiration
Achieving milestones
Revealing some cricketing stories @ShreyasIyer15 turns anchor as he interviews milestone man @ashwinravi99 post the first #INDvNZ Test. - By @28anand
Full interview
#TeamIndia @Paytm https://t.co/CLEn3lNzLF pic.twitter.com/SaLv1Jhfeb — BCCI (@BCCI) November 30, 2021
अश्विन ने कहा , मैं दिल्ली कैपिटल्स टीम में आया और जब तुम (श्रेयस) कप्तान थे तभी से हालात बदलने लगे।अश्विन का पूरा परिवार मई में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया था। उन्हें इस वजह से आईपीएल छोड़ना पड़ा।
उन्होंने कहा कि हरभजन ने उन्हें आफ स्पिन गेंदबाजी के लिये प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में हरभजन के प्रदर्शन को देखकर ही वह आफ स्पिनर बनने की ओर प्रेरित हुए।
उन्होंने कहा , उनसे प्रेरणा लेकर मैने आफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की और आज यहां तक पहुंचा। धन्यवाद भज्जी पा मुझे प्रेरित करने के लिये ।यह शानदार उपलब्धि है। मेरे लिये यह गर्व की बात है कि मैने इसी मैदान पर 200वां विकेट लिया था और इसी मैदान पर हरभजन को पीछे छोड़ा।

पहला टेस्ट ड्रॉ रहने के बारे में उन्होंने कहा , अभी भरोसा नहीं हो रहा है कि हम जीत नहीं सके। जीत के इतने करीब पहुंचकर भी। मेरे लिये यह पचा पाना मुश्किल है।
उन्होंने कहा ,ऐसा जमैका में भी एक बार हुआ था। आखिरी दिन हम जीत की कोशिश में थे लेकिन जीत नहीं सके थे। आखिरी पारी में गेंदबाजी करने के कारण मुझे इससे उबरने में अधिक समय लगेगा।
कानपुर टेस्ट में अश्विन ने बल्ले से भी दिखाया कमाल
पहली पारी में तीन विकेट लेने वाले रविचंद्रन अश्विन ने इस मैच में बल्ले से भी कमाल दिखाया। पहली पारी में उन्होंने 38 रन बनाए और दूसरी पारी में 32 रन बनाए। उनके लगातार ऑलराउंड प्रदर्शन के कारण ही भारत को एक अतिरिक्त बल्लेबाज या फिर गेंदबाज खिलाने की गुंजाइश निकलती है।
अश्विन ने दिल्ली में वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था । उन्होंने बल्ले से भी जौहर दिखाते हुए 2685 रन बनाये हैं जिसमें पांच शतक शामिल है।उन्होंने 111 वनडे में 150 और 51 टी20 में 61 विकेट लिये हैं।

वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में 13वें स्थान पर आ गए। उन्होंने पाकिस्तान के वसीम अकरम (414) को भी इस साल पछाड़ा। मौजूदा टेस्ट क्रिकेटरों में अश्विन से अधिक विकेट इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड (524) और जेम्स एंडरसन (632) के हैं।
कुछ खास महसूस नहीं हो रहा: अश्विन
अश्विन ने मैच के बाद कहा, इस उपलब्धि पर कुछ खास महसूस नहीं हो रहा है।भारतीय टीम मैच की चौथी पारी में न्यूजीलैंड को ऑल आउट करने में नाकाम रही, जिसके बाद अश्विन से उनकी उपलब्धि के बारे में पूछा गया।
उन्होंने कहा, कुछ महसूस नहीं हो रहा है। ये ऐसी उपलब्धि है जो आती रहेंगी, यह अच्छा है। जब से राहुल (द्रविड़) भाई ने पदभार संभाला है, वह कहते रहते हैं कि आप कितने विकेट लेते हैं, 10 साल में कितने रन बनाते हैं, आपको यह याद नहीं रहेगा।
उन्होंने मैच के ड्रॉ छूटने के बाद कहा, यह यादें हैं जो मायने रखती हैं इसलिए मैं चाहता हूं कि अगले तीन-चार वर्षों में कुछ खास यादों के साथ आगे बढूं।
मैच पूरे पांच दिनों तक चला और अश्विन से जब पिच के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, पिच के बारे में जब भी बात होती है और मुझ से सवाल होता है तो यह विवाद बन जाता है। इसलिए मैं इस मुद्दे पर मौन रहना चाहूंगा।He is third on the leading wicket-takers list among Indian bowlers now but for @ashwinravi99 it is more about creating special memories than milestones. @Paytm #INDvNZ #TeamIndia pic.twitter.com/eLIjzNMeit
— BCCI (@BCCI) November 29, 2021
अश्विन ने रचिन रविंद्र और ऐजाज पटेल की तारीफ की जिन्होंने 8.4 ओवर बल्लेबाजी कर भारत को आखिरी विकेट लेने से रोक दिया।उन्होंने कहा, युवा खिलाड़ी रविन्द्र ने शानदार खेल दिखाया, एजाज ने भी अपनी रक्षात्मक खेल से साहस का परिचय दिया।