बर्मिंघम: इंग्लैंड के खिलाफ पुनर्निर्धारित पांचवें टेस्ट मैच में भारत के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को नहीं खिलाए जाने के फैसले पर सवाल उठने लगे हैं। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने इस निर्णय को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
अपने कल के स्कोर तीन विकेट पर 259 रन से आगे खेलते हुए इंग्लैंड को 119 रन की जरूरत थी जो उसने 19 . 4 ओवर में बना लिये।रूट ने अपनी 173 गेंद की पारी में 19 चौके और एक छक्का लगाया जबकि बेयरस्टॉ ने 145 गेंदों का सामना करके 15 चौके और एक छक्का जड़ा ।बेयरस्टॉ का मैच में यह दूसरा शतक था जिन्होंने पहली पारी में 140 गेंद में 106 रन बनाये थे ।
भारतीय गेंदबाजों को सुबह के सत्र में कोई सफलता नहीं मिली । इंग्लैंड की दूसरी पारी में भारत के कार्यवाहक कप्तान जसप्रीत बुमराह ही दो विकेट ले सके। उन्होंने मैच में पांच विकेट लिये जबकि मोहम्मद सिराज को चार विकेट मिले।
कप्तानी छोड़ने के बाद से शानदार बल्लेबाजी कर रहे रूट 142 रन बनाकर नाबाद रहे जो उनका 28वां शतक है । उन्होंने बेयरस्टॉ (नाबाद 114) के साथ 269 रन की अटूट साझेदारी की ।इसे लेकर कनेरिया ने कहा कि टीम इंडिया अब इंग्लैंड के खिलाफ पुनर्निर्धारित पांचवें टेस्ट के लिए खराब चयन की कीमत चुका रही है।
देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने कहा, "एजबेस्टन में टीम इंडिया जीतने से हारने की स्थिति में आ गई। रविचंद्रन अश्विन प्लेइंग इलेवन में क्यों नहीं थे, किसने यह फैसला लिया, कोच के रूप में द्रविड़ ने इंग्लैंड में बहुत खेला है और वह स्थिति को अच्छी तरह से जानते हैं कि इंग्लैंड की गर्मी के चलते विकेट पके और सूखे होते हैं और तीसरे दिन से गेंद स्पिन करने लग जाती है, जहां सीम है वहां नमी के कारण गेंद स्पिन करेगी। केवल बुमराह को देखकर लगता है कि वह चमत्कार कर सकता है। भारत ने गलती की और इसकी कीमत चुकाई।”
कठिन लक्ष्य को आसानी से हासिल करने के फन में माहिर हो चले जॉनी बेयरस्टॉ और जो रूट ने भारत के नामचीन गेंदबाजी आक्रमण को धता बताते हुए इंग्लैंड को टेस्ट क्रिकेट में उसके सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए सात विकेट से जीत दिलाई और पांच मैचों की श्रृंखला 2 . 2 से बराबर की ।
इंग्लैंड ने इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 . 0 से जीती श्रृंखला में 278, 299, 296 रन के लक्ष्य को हासिल करके जीत दर्ज की थी।
रविचंद्रन अश्विन के जैसे दिनेश कनेरिया खुद एक स्पिनर रहे हैं। लेकिन उनके विरोध में तर्क नजर आ रहा है। खासकर तब जब भारत यह मैच गंवा चुका है।
पिछले 1.5 दिन से बेअसहर दिख रहे रविंद्र जड़ेजा या फिर रन लुटा रहे शार्दुल ठाकुर की जगह रविचंद्रन अश्विन अंतिम ग्यारह में शामिल होते तो नतीजा कुछ और होता। हालांकि यह पूरी सीरीज ही अश्विन से इस सवाल से घिरी हुई रही कि उन्हें मौका क्यों नहीं दिया गया।
रविचंद्रन अश्विन दाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ चौथे और पांचवे दिन काफी घातक साबित हो सकते थे। इंग्लैंड की टीम में सिर्फ 2 बाएं हाथ के बल्लेबाज थे। अश्विन की अनुपस्थिति में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने रविंद्र जड़ेजा को अस्थायी स्पिनर के जैसे खेला और खूब रन बटोरे।
इसके अलावा रविचंद्रन अश्विन निचले क्रम में बल्लेबाजी भी कर सकते थे। कल बतौर बल्लेबाज भी अश्विन की कमी टीम इंडिया को काफी खली होगी जब टीम 123-3 से 245 रनों पर ऑलआउट हो गई। हालांकि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया जुग गई खेत।
कठिन लक्ष्य को आसानी से हासिल करने के फन में माहिर हो चले जॉनी बेयरस्टॉ और जो रूट ने भारत के नामचीन गेंदबाजी आक्रमण को धता बताते हुए इंग्लैंड को टेस्ट क्रिकेट में उसके सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए सात विकेट से जीत दिलाई और पांच मैचों की श्रृंखला 2 . 2 से बराबर की ।
इंग्लैंड ने इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 . 0 से जीती श्रृंखला में 278, 299, 296 रन के लक्ष्य को हासिल करके जीत दर्ज की थी।