मुंबई: भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने सोमवार को यहां संकेत दिये कि टीम प्रबंधन आगे कुछ कड़े फैसले ले सकता है और उन्होंने खिलाड़ियों के साथ स्पष्ट संवाद पर जोर दिया।
सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा को न्यूजीलैंड के खिलाफ पूरी टेस्ट श्रृंखला के लिये विश्राम दिया गया जबकि कप्तान विराट कोहली पहले मैच में नहीं खेले थे। रवि शास्त्री से कमान संभालने के बाद द्रविड़ की कोच के रूप में यह पहली टेस्ट श्रृंखला थी जिसमें मयंक अग्रवाल और श्रेयस अय्यर ने एक-एक शतक लगाया।
अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा पर दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले टीम में अपनी जगह बचाये रखने का दबाव है और ऐसे में द्रविड़ की टिप्पणी महत्वपूर्ण है।
अब तक खेले 79 टेस्ट मैचों में अजिंक्य रहाणे 39 की औसत के साथ में 12 शतक और 24 अर्धशतकों की मदद से 4795 रन बना चुके हैं।
हाल ही में अजिंक्य रहाणे अपने खराब फॉर्म के कारण चर्चा में रहे हैं। पिछले मैच में कप्तान रहे अजिंक्या रहाणे का पिछले 16 टेस्ट मैचों में औसत सिर्फ़ 24.39 का रहा है। इसमें एक शतक भी शामिल है। उनका करियर औसत अब 40 से भी कम हो गया है। घर पर उनका औसत सिर्फ़ 35.73 है, जो पिछले पांच सालों में और कम होकर सिर्फ़ 30.08 रह गया है। उन्हें टेस्ट शतक लगाए करीब 1 साल हो गया है।
2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से पुजारा के बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला है और उनकी औसत 28.61 की रही है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में उन्होंने कई अहम पारियां ज़रूर खेली लेकिन पूरी तरह अपनी लय प्राप्त नहीं कर पाए। इसी के कारण इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट महज़ 36.1 का रहा है। कानपुर टेस्ट में उन्होंने क्रमशः 26 और 22 रन बनाए। मुंबई टेस्ट की पहली पारी में वह 0 पर बोल्ड हो गए थे। दूसरी पारी में ऐसा लगा था कि वह अपना फॉर्म वापस पा लेंगे लेकिन 47 रनों पर वह पवैलियन चलते बने।
द्रविड़ ने दूसरे टेस्ट क्रिकेट में 372 रन की रिकार्ड जीत के बाद कहा, युवा खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और चयन को लेकर यह अच्छा सिरदर्द है। प्रत्येक अच्छा प्रदर्शन करना चाहता है और हर कोई एक दूसरे के लिये कड़ी चुनौती पेश कर रहा है।
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि हमारा यह सिरदर्द और बढ़ेगा और हमें कुछ कड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं लेकिन जब तक हमारा स्पष्ट संवाद रहता है और हम खिलाड़ियों को समझाते हैं कि ऐसा क्यों हुआ तब तक कोई समस्या नहीं है।
बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल ने गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में पांच विकेट लिये और दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की। जयंत यादव ने दूसरे टेस्ट मैच में पांच विकेट लिये जिसमें दूसरी पारी के चार विकेट शामिल हैं।
द्रविड़ ने कहा कि श्रृंखला की जीत को एकतरफा कहना गलती होगी।
उन्होंने कहा, विजेता के रूप में श्रृंखला का अंत करना अच्छा है। कानपुर में भी हम जीत के करीब पहुंच गये थे लेकिन आखिरी विकेट नहीं ले पाये। यहां हमने कड़ी मेहनत की। परिणाम भले ही एकतरफा लग रहा हो लेकिन पूरी श्रृंखला में हमने कड़ी मेहनत की।
द्रविड़ ने कहा कि खिलाड़ी प्रत्येक मैच में सुधार करने के लिये बेताब हैं।
उन्होंने कहा, यह देखकर अच्छा लगा कि खिलाड़ी मौकों का फायदा उठाने के लिये तत्पर हैं। टीम में कुछ सीनियर खिलाड़ी नहीं थे लेकिन उनकी जगह लेने वाले खिलाड़ियों को श्रेय जाता है। जयंत को कल जूझना पड़ा था लेकिन उसने उससे सबक लिया और आज अच्छा प्रदर्शन किया।
द्रविड़ ने कहा, मयंक, श्रेयस, सिराज जिन्हें बहुत अधिक मौके नहीं मिले। अक्षर को गेंदबाजी के अलावा के बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखना अच्छा लगा। इससे हमारे पास कई विकल्प हो गये हैं। इससे हमें मजबूत टीम बनाने में मदद मिलेगी।
अगली श्रृंखला (दक्षिण अफ्रीका में या फिर वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू) में रोहित शर्मा और केएल राहुल की वापसी के बाद मयंक को अंतिम एकादश में जगह मिलना मुश्किल होगा। लेकिन उन्होंने शतक जड़कर कोच राहुल द्रविड़ के लिये अच्छी सिरदर्दी बढ़ा दी है।
भारत ने न्यूजीलैंड को पहली पारी में 62 रन पर आउट करने के बावजूद फालोऑन नहीं दिया और द्रविड़ ने इस फैसले का बचाव किया।
उन्होंने कहा, हमारे पास पर्याप्त समय था और इसलिए फालोऑन देने के बारे में नहीं सोच रहे थे। टीम में कई युवा बल्लेबाज हैं और हम उन्हें इस तरह की परिस्थितियों में बल्लेबाजी का मौका देना चाहते थे।