मनीष पांडे ने हमेशा उठाया मौके का फायदा
सेंचुरियन। भारतीय बल्लेबाज मनीष पांडे ने कहा कि उन्होंने अपने कुछेक मौकों के लिए इंतजार करते हुए मुश्किल समय का सामना किया है तथा अधिक मौके पर मिलने पर वे स्टार खिलाड़ियों से सजे मध्यक्रम में खुद को नियमित चयन के योग्य साबित कर सकते हैं।
पांडे ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी- 20 अंतरराष्ट्रीय में 48 गेंदों पर 79 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका ने यह मैच 6 विकेट से जीतकर श्रृंखला 1-1 से बराबर कराई। पांडे टीम से अंदर बाहर होते रहे। हालांकि उन्होंने जब भी मौका मिला तब उसका फायदा उठाया। इनमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में शतक भी शामिल है।
पांडे ने कल रात मैच के बाद कहा कि ईमानदारी से कहूं तो यह (मौके के लिए इंतजार) थोड़ा मुश्किल होता है और यह आपके दिमाग में घर कर जाता है। विशेषकर इस दौरे में मैंने इसे काफी महसूस किया लेकिन यही क्रिकेट है। आपको भारत जैसी टीम, जहां कई दिग्गज खिलाड़ी भरे हैं, में खेलने के लिए अपने लिए मौके का इंतजार करना होता है। इसलिए मैं अपनी तरफ से थोड़ी सी कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे नंबर चार पर कुछ मौके मिले और मैंने अच्छा प्रदर्शन किया।
कुछ अवसरों पर बल्लेबाजी संयोजन के कारण मुझे नंबर पांच पर उतरना पड़ा। मैंने (पांचवें नंबर पर) अपनी तरफ से थोड़े प्रयास किए लेकिन मुझे भी लगता है कि मैं अपनी तरफ से थोड़ा बेहतर कर सकता हूं। पांडे को पता है कि काम इतना आसान नहीं है, लेकिन उनका यह भी मानना है कि अगर टीम में उन्हें लगातार जगह मिलती है तो वह खुद को नियमित चयन के योग्य साबित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के पास वास्तव में शीर्ष क्रम में बहुत अच्छी लाइनअप है और वे वन-डे में 30-35 ओवर खेल लेते हैं। विराट कोहली और फिर महेंद्रसिंह धोनी (कुछ अवसरों पर) जैसे खिलाड़ी मुझसे ऊपर बल्लेबाजी के लिए आते हैं। हां, अगर अधिक मौके मिलते हैं तो मुझे लगता है कि अभी मैं जो कुछ कर रहा हूं, उससे बेहतर कर सकता हूं।
पांडे पूरी वन-डे श्रृंखला के दौरान बाहर बैठे रहे और यहां तक कि केदार जाधव के चोटिल होने पर भी उन्हें नहीं चुना गया और श्रेयस अय्यर को उन पर तरजीह दी गई। सेंचुरियन में 2009 में आईपीएल में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने पांडे ने कहा कि नंबर पांच पर सुरेश रैना और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों के पदचिन्हों पर चलना आसान नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं यहां अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। यहां तक कि वनडे में भी मुझे अपनी बारी का इंतजार था लेकिन वहां मौका नहीं मिला, लेकिन टी- 20 मेरे लिए अच्छा रहा और सेंचुरियन में मैंने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। मुझे अब भी वह शतक याद है जो नौ दस साल पहले मैंने यहां बनाया था। पांडे ने कहा कि जैसे मैंने पहले कहा था कि भारत के लिए नंबर पांच पर बल्लेबाजी करना मुश्किल है।
मुझसे पहले इस स्थान पर रैना और युवी जैसे खिलाड़ी बल्लेबाजी करते रहे हैं और उनके पदचिन्हों पर चलना आसान नहीं है। पिछले दो वर्षों में भारतीय बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इसलिए आपको अपने मौके के लिए बेहद धैर्य दिखाना होता है। (भाषा)