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Last Updated : बुधवार, 29 जुलाई 2020 (19:53 IST)

कपिल देव ने सचिन पर दागा सवाल, क्यों नहीं शतक को बदल पाते थे दोहरे या तिहरे शतक में

कपिल देव ने सचिन पर दागा सवाल, क्यों नहीं शतक को बदल पाते थे दोहरे या तिहरे शतक में - Kapil Dev questioned Sachin, he could not change the century in double or triple century
भारत में क्रिकेट क्रांति लाने का श्रेय कपिल देव निखंज को है, जिन्होंने 1983 में पहली बार आईसीसी विश्व कप जीता था। भारतीय क्रिकेट के लिजेंड कपिल ने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर पर यह सवाल उठाकर सबको चौंका दिया कि उनमें शतक जड़ने की प्रतिभा तो थी लेकिन इस प्रतिभा का वे सही उपयोग नहीं कर पाए। उनमें यह कला नहीं थी कि इस शतक को दोहरे और तिहरे शतक में कैसे बदला जाए।
 
कपिल ने यह बात भारतीय महिला क्रिकेट के चीफ कोच और पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यू वी रमन के साथ एक साक्षात्कार में कही। कपिल का ऐसा मानना है कि सचिन में जिस तरह की क्रिकेट प्रतिभा थी, उसकी बदौलत उन्हें कम से कम 5 तिहरे शतक लगाने चाहिए थे। 
 
सचिन ने 200 टेस्ट मैचों की 329 पारियों में 53.79 के औसत से 15921 रन (उच्चतम 248) बनाए, जिसमें 51 शतक, 6 दोहरे शतक और 68 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट क्रिकेट में सचिन के अलावा जावेद मियांदाद, वीरेंद्र सहवाग, रिकी पोंटिंग, यूनुस खान और मर्वन अट्‍टापटु के नाम भी 6-6 दोहरे शतक हैं। 
 
इन पांचों बल्लेबाजों में सचिन तेंदुलकर ही सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने अपने करियर में सबसे ज्यादा 200 टेस्ट मैच खेले हैं। ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन इस मामले में शिखर पर हैं। ब्रैड‍मैन ने 52 टेस्ट मैचों में 99.96 के औसत से 6996 रन बनाए (उच्चतम 334), जिसमें 29 शतक, 12 दोहरे शतक और 13 अर्धशतक शामिल हैं।
 
सचिन की प्रतिभा से खुद ब्रैडमैन भी काफी प्रभावित थे। जब टेस्ट क्रिकेट में इन दोनों की तुलना की जाती है तो अंतर काफी बड़ा दिखाई देता है। यही कारण है कि कपिल देव को यह सवाल उठाना पड़ा है कि उनमें शतक को दोहरे और तिहरे शतक में तब्दील करने की कला का अभाव था वरना उनके बल्ले से 5 और तिहरे शतक निकलते।
 
कपिल का मानना है कि सचिन तेंदुलकर का बल्ला तेज आक्रमण के साथ ही साथ स्पिन गेंदबाजों को खेलने में दक्ष था और वे हर ओवर में चौका लगाने की कला जानते थे। इस लिहाज से उन्हें कम से कम 10 दोहरे और 5 तिहरे शतक जड़ने थे लेकिन दुर्भाग्य है कि उनके नाम एक भी तिहरा शतक नहीं है। 
 
कपिल का मानना है कि सचिन तेंदुलकर का बल्ला तेज आक्रमण के साथ ही साथ स्पिन गेंदबाजों को खेलने में दक्ष था और वे हर ओवर में चौका लगाने की कला जानते थे। इस लिहाज से उन्हें कम से कम 10 दोहरे और 5 तिहरे शतक जड़ने थे लेकिन दुर्भाग्य है कि उनके नाम एक भी तिहरा शतक नहीं है।

सनद रहे कि सचिन को अपना पहला दोहरा शतक लगाने में पूरे 10 साल का वक्त लग गया। सचिन ने हैदराबाद में 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में पहली बार दोहरा शतक जड़ा था। सचिन के नाम टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक हैं और इनमें से सिर्फ 20 प्रसंग ऐसे आए जब उन्होंने 150 से अधिक रन बनाए।
 
एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन जरूर दुनिया के ऐसे पहले बल्लेबाज हैं, जिन्होंने दोहरा शतक लगाया था। यह कारनामा उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में 2010 में किया था। सचिन ने भारत के लिए 463 वनडे मैचों की 452 पारियों में 41 बार नाबाद रहकर 44.83 के औसत से 18426 रन बनाए है, जिसमें 46 शतक, 1 दोहरा शतक और 96 अर्धशतक शामिल हैं।
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