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Last Modified: मंगलवार, 17 जनवरी 2017 (18:01 IST)

भारत के लिए भाग्यशाली रहा है बाराबती स्टेडियम

भारत के लिए भाग्यशाली रहा है बाराबती स्टेडियम - Indian cricket team, Barabati cricket Stadium, Cuttack
कटक। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए पिछले दस वर्षों में अगर कोई मैदान सबसे भाग्यशाली रहा है तो वह कटक का बाराबती स्टेडियम है, जहां विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम को इंग्लैंड के खिलाफ 19 जनवरी को दूसरा एकदिवसीय अंतररष्ट्रीय मैच खेलना है। 
भारत ने पिछले दस वर्षों में बाराबती स्टेडियम में जो पांच वनडे मैच खेले हैं उनमें से उसने सभी में जीत दर्ज की है। इनमें से एक मैच भारतीय टीम ने 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था, जिसमें उसने छह विकेट से जीत दर्ज की थी। पिछले दस वर्षों में बाराबती एकमात्र स्टेडियम है जहां भारत ने पांच या इससे अधिक मैच खेले और उन सभी में जीत हासिल की। 
 
इस स्टेडियम में भारत को आखिरी हार नवंबर 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली थी। वर्तमान टीम के केवल एक सदस्य युवराज सिंह उस मैच में खेले थे। इसके बाद भारत ने यहां वेस्टइंडीज और श्रीलंका को दो-दो जबकि इंग्लैंड को एक मैच में हराया। इस बीच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच बारिश के कारण रद्द करना पड़ा था।
 
पिछले दस वर्षों में भारत ने सर्वाधिक 12-12 मैच आरपीएस कोलंबो और दाम्बुला में खेले। कोलंबो में उसे नौ मैच में जीत और तीन में हार, जबकि दाम्बुला में सात में जीत और पांच में हार का सामना करना पड़ा था। इस दौरान हरारे स्पोर्ट्स क्लब में भारतीय रिकॉर्ड अच्छा रहा, जहां उसने 11 मैचों में से नौ में जीत दर्ज की, जबकि दो में उसे हार मिली। पोर्ट ऑफ स्पेन में भी उसने आठ में से छह मैच जीते, लेकिन इस बीच दो मैच भी गंवाए।
 
बाराबती में भारत ने वैसे कुल 15 मैच खेले हैं, जिनमें से 11 में उसे जीत और चार में हार मिली। इंग्लैंड ने भी यहां पांच वनडे मैच खेले हैं जिनमें से तीन मैच उसने जीते। इनमें से 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया नेहरू कप का मैच भी शामिल है। भारत और इंग्लैंड के बीच यहां अब तक चार मैच खेले गए हैं जिसमें उनका रिकॉर्ड 2-2 से बराबरी पर है। 
 
अजिंक्य रहाणे और शिखर धवन ने यहां खेले गए पिछले मैच में शतकीय पारियां खेली थीं। श्रीलंका के खिलाफ नवंबर 2014 में खेले गए इस मैच में रहाणे ने 111 और धवन ने 113 रन बनाए थे और पहले विकेट के लिए 231 रन की साझेदारी की थी। भारत ने तब पांच विकेट पर 363 रन बनाए, जो इस मैदान पर सर्वोच्च स्कोर का रिकॉर्ड भी है। धवन अपनी उस पारी से प्रेरणा लेकर फार्म में वापसी की कोशिश करेंगे। बाएं हाथ का यह सलामी बल्लेबाज पुणे में खेले गए पहले वनडे में केवल एक रन बना पाया था। (भाषा)
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