भारत ने जिम्बाब्वे को 9 विकेट से हराया, राहुल का शतक
हरारे। जसप्रीत बुमराह (28 रन पर चार विकेट) की घातक गेंदबाजी के बाद अपना पहला वन-डे खेल रहे ओपनर लोकेश राहुल की नाबाद 100 रन की शतकीय पारी के दम पर भारत के युवा तुर्कों ने अनुभवी कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी के नेतृत्व में जिम्बाब्वे दौरे की विस्फोटक शुरुआत करते हुए मेजबान टीम को पहले वन-डे में शनिवार को नौ विकेट से पीटकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली।
भारतीय गेंदबाजों ने कप्तान धोनी के पहले क्षेत्ररक्षण करने के फैसले को सही साबित करते हुये जिम्बाब्वे को 49.5 ओवर में मात्र 168 रन पर लुढ़का दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने हालांकि धीमी शुरुआत की और पदार्पण मैच खेल रहे करुण नायर का विकेट 11 के स्कोर पर गंवा दिया, लेकिन इसके बाद राहुल (नाबाद 100) और अंबाटी रायुडू (नाबाद 62) ने भारत को जीत की मंजिल पर पहुंचा दिया। भारत ने 42.3 ओवर में एक विकेट पर 173 रन बनाए।
राहुल ने विजयी छक्का मारकर न केवल अपना शतक पूरा किया, बल्कि भारत को शानदार जीत भी दिला दी। राहुल ने इस तरह पहले वन-डे में भारत की तरफ से सर्वाधिक बड़ी पारी खेलने और शतक बनाने का रिकॉर्ड कायम कर दिया। राहुल ने 115 गेंदों पर नाबाद 100 रन की पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया। उन्होंने विजयी छक्का मारने के बाद जीत का शंखनाद किया। वे वन-डे पदार्पण में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बन गए।
राहुल और रायुडू ने दूसरे विकेट के लिए 38 ओवर में 162 रन की मैच विजयी साझेदारी की। राहुल ने 115 गेंदों में सात चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 100 रन और रायुडू ने 120 गेंदों में पांच चौकों की मदद से नाबाद 62 रन बनाए।
राहुल ने अपनी मैच विजयी पारी के साथ किसी भारतीय बल्लेबाज का वन-डे पदार्पण मैच में सर्वाधिक स्कोर भी बना दिया। उन्होंने रॉबिन उथप्पा का 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ 86 रन बनाने का रिकॉर्ड तोड़ा।
रायुडू ने भी अपने नाम एक उपलब्धि हासिल कर ली। उन्होंने वन-डे में 1000 रन पूरे कर लिए। रायुडू ने इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए 29 पारियां खेलीं और इस कीर्तिमान तक पहुंचने वाले वे संयुक्त रूप से चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गए। कप्तान धोनी ने भी 29 पारियों में 1000 रन पूरे किए थे।
भारत ने इस मैच में तीन खिलाड़ियों लोकेश राहुल, करुण नायर और युजवेन्द्र चहल को अपना वन-डे पदार्पण करने का मौका दिया। राहुल और नायर की जोड़ी जब भारतीय पारी की शुरुआत करने मैदान पर उतरी तो 1976 के बाद यह पहला मौका था जब दो पदार्पण कर रहे बल्लेबाजों ने ओपनिंग की शुरुआत की।
1976 में पार्थसारथी शर्मा और दिलीप वेंगसरकर ने क्राइस्ट चर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ वन-डे में ओपनिंग की थी। युवा तुर्कों ने इस तरह टीम इंडिया को शानदार जीत दिलायी और अपनी उपयोगिता भी साबित कर दी। भारत ने 45 गेंद शेष रहते यह मुकाबला समाप्त कर दिया।
जिम्बाब्वे के गेंदबाज शुरुआती विकेट हासिल करने के बाद दूसरा विकेट हासिल करने के लिए संघर्ष करते रह गए और उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। नायर का विकेट तेंदई चतारा ने लिया। नायर ने सात रन बनाए। (वार्ता)