तिरुवनंतपुरम। भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज़ के खिलाफ मौजूदा वन-डे सीरीज में फिलहाल बढ़त पर है और गुरुवार को पांचवें और अंतिम मैच में जीत के साथ वह सीरीज़ अपने नाम करने उतरेगी। भारत को दो मैचों में उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिले थे, लेकिन मुंबई में उसने विंडीज़ के खिलाफ वन-डे में अपनी सबसे बड़ी जीत के साथ सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली थी और अब उसका लक्ष्य सीरीज़ कब्जा करना है जबकि मेहमान टीम वापसी कर सीरीज़ ड्रॉ कराने का प्रयास कर सकती है।
विंडीज़ ने दूसरे मैच को टाई करा और तीसरे मैच को 43 रन से जीतकर यह साबित भी किया है। पिछले मैच में अपने घरेलू मैदान पर बल्लेबाज रोहित शर्मा ने 162 रन और मध्यक्रम में अंबाटी रायुडू ने 100 रन की शतकीय पारियां खेली थीं, उनसे उम्मीद रहेगी कि वे इस क्रम को बरकरार रखें। पिछले दो मैचों में टीम का मध्यक्रम चिंता का विषय बना हुआ था, लेकिन रायुडू की पारी और केदार जाधव की वापसी से अब यह चिंता कम हुई है।
हालांकि विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी अब तक मध्यक्रम में खास योगदान नहीं दे सके हैं वहीं शिखर धवन का प्रदर्शन भी खास नहीं रहा है। धवन ने अब तक 38, 35, 29 और 4 रन की पारियां ही खेली हैं और एक भी अर्द्धशतक नहीं बना सके हैं।
धवन का रिकॉर्ड हमेशा ही विंडीज़ के खिलाफ खराब रहा है और मौजूदा सीरीज़ में भी यह बरकरार है लेकिन इसके बावजूद उनकी टीम में जगह सुरक्षित ही है और उम्मीद रहेगी कि वे आखिरी मैच में अपना योगदान दें। विराट भी इस समय जबरदस्त फार्म में हैं और इसी सीरीज़ के दौरान वे सबसे तेज़ 10 हजार रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी बने हैं।
विराट ने चार मैचों में तीन शतक बनाए हैं और सीरीज़ के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर हैं। दूसरी ओर मध्यक्रम में रायुडू ने पिछले मैच में शतक जड़कर अपनी अहमियत साबित की है और चौथे नंबर पर उनकी स्थिति काफी मजबूत हुई है। ऑलराउंडर जाधव की मौजूदरी से टीम संतुलित लग रही है और विराट का भी उन पर भरोसा है।
जाधव अच्छे स्कोरर के साथ विकेट लेने में सक्षम हैं और आखिरी मैच में उनके पास खुद को साबित करने का मौका रहेगा। जाधव को मुंबई में केवल सात गेंद खेलने का मौका मिला था और गेंदबाजी भी नहीं कर सके थे। गेंदबाज़ों में तेज गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार ने हालांकि अपेक्षा के अनुसार अब तक खेल नहीं दिखाया है और अब तक दो मैचों में दो ही विकेट ले सके हैं जबकि उनकी गेंदबाजी भी महंगी रही है, वहीं निचले क्रम में वे अच्छे स्कोरर माने जाते हैं लेकिन वे स्कोर नहीं कर सके हैं।
जसप्रीत बुमराह ने दूसरी ओर पुणे और मुंबई में अच्छा प्रदर्शन किया है। वे विकेट नहीं ले सके हैं लेकिन उनका इकोनॉमी रेट बहुत अच्छा रहा है। वे सीमित ओवरों में विपक्षी टीम को रन देने में कंजूसी करते हैं जिससे उनकी अहमियत बनी हुई है और विंडीज़ के आक्रामक बल्लेबाज़ों के खिलाफ यह टीम के लिए जरूरी है। डेथ ओवरों में भी बुमराह टीम के भरोसेमंद गेंदबाज़ हैं।
भारतीय टीम फाइनल वनडे में भी तीन तेज़ गेंदबाज़ों के साथ उतर सकती है और ऐसे में एक बार फिर बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ खलील अहमद को गेंदबाजी क्रम में मौका मिल सकता है। चौथे मैच में खलील ने आक्रामक गेंदबाजी की थी और 13 रन पर तीन विकेट लेकर सबसे सफल भी रहे थे। खुद कप्तान ने भी खलील की प्रशंसा की थी और उन्हें अंतिम एकादश में मौका दिया जा सकता है।
चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा स्पिन विभाग की कमान संभाल सकते हैं। कुलदीप सीमित ओवर में अब तक सबसे सफल स्पिनर रहे हैं और उनका अंतिम एकादश में खेलना तय है। हालांकि जडेजा की उपस्थिति में युजवेंद्र चहल को मौका मिलना मुश्किल है। हालांकि जडेजा और जाधव को मौका दिये जाने से टीम में दो ऑलराउंडर होंगे।
दूसरी ओर विंडीज़ टीम ने एक मैच को टाई कराया है और एक को जीता है जिससे उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है और जेसन होल्डर की कप्तानी वाली टीम मैच में वापसी की कोशिश कर सकती है। यदि विंडीज़ इस मैच को जीतती है तो सीरीज़ 2-2 से बराबर हो सकती है ऐसे में भारत को हर विभाग में अच्छा खेल दिखाना होगा। कप्तान होल्डर, शिमरोन हेत्माएर, शाई होप, केमर रोच अच्छी फार्म में हैं और मैच पलट सकते हैं।